MP School Closed order : CM की कोरोना पर बैठक LIVE: कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूल बंद, मेले-रैलियों पर रोक
MP School Closed order : CM की कोरोना पर बैठक LIVE: कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूल बंद, मेले-रैलियों पर रोक
आज यानी कि 14 जनवरी 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक क्राइससीस मीटिंग का आयोजन कराया था। जिसमें कोविड-19 को लेकर चर्चा करने की तो अभी उस मीटिंग के खत्म होने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के सभी स्कूलों को 31 जनवरी 2022 तक बंद करने का आदेश दे दिए हैं। चाहे स्कूल सरकारी हो या फिर प्राइवेट हो, कोई भी स्कूल कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक 31 जनवरी 2022 तक ओपन नहीं होगा। यानी के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई का सहारा लेना पड़ेगा। अगर आगे कोरोना बढ़ेगा तो इसका फैसला आगे किया जाएगा कि स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी स्कूलों को 31 जनवरी तक बंद रखने का आदेश कर दिया है। 20 जनवरी से प्री-बोर्ड टेक होम एग्जाम होंगे। यानी पेपर घर से हल करना होगा। सभी तरह के मेले और रैलियों पर भी रोक लगा दी गई है।
आदेश की कॉपी 👇👇👇
CM ने ये फैसले भी लिए
🔵खेल गतिविधियां 50% कैपेसिटी से जारी रहेंगी।
🔵20 जनवरी से प्री-बोर्ड टेक होम एग्जाम होंगे। यानी क्यूश्चन पेपर घर से हल करना होगा।
🔵बड़ी सभाएं और आयोजन प्रतिबंधित रहेंगे।
🔵50% कैपेसिटी के साथ हॉल में कार्यक्रम हो सकेंगे।
🔵सभी तरह के धार्मिक और आर्थिक मेलों पर रोक रहेगी।
इन पर रोक नहीं
🟡धार्मिक स्थल खुले रहेंगे, लेकिन धार्मिक मेले नहीं लगेंगे।
🟡मकर संक्रांति पर स्नान पर रोक नहीं।
इंदौर कलेक्टर ने रखा सख्ती बढ़ाने का सुझाव
क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में सीएम ने कहा- कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमितों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने सुझाव रखा कि सख्ती बढ़ाने से कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो सकती है। सख्ती नहीं बढ़ाई तो रोजाना 10 हजार केस आएंगे।
क्या आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर बनाया जाएगा रिजल्ट
अब सवाल आता है कि यदि बोर्ड परीक्षा निरस्त कर दी गई तो क्या आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर मार्कशीट तैयार की जाएगी? बता दें कि यदि संक्रमण का खतरा कम नहीं होता और संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती गई तो बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं हो पाएगी। ऐसे में सरकार को बच्चों का रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर ही तैयार करना होगा।