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Class 11 History Chapter 2 लेखन कला और शहरी जीवन | Writing and City Life | Lekhan Kala aur Shahri Jivan Notes In Hindi

Class 11 History Chapter 2 लेखन कला और शहरी जीवन | Writing and City Life | Lekhan Kala aur Shahri Jivan Notes In Hindi 

                                 Class 11 History Chapter 2 लेखन कला और शहरी जीवन | Writing and City Life | Lekhan Kala aur Shahri Jivan Notes In Hindi

कक्षा 11वीं इतिहास
      अध्याय- 2

लेखन कला और शहरी जीवन


मेसोपोटामिया

मेसोपोटामिया नाम यूनानी भाषा के दो शब्द

मेसोस ( Mesos ) और पोटैमोस ( Potamos ) से मिलकर बना है

मेसोस का अर्थ - मध्य

पोटैमोस का अर्थ - नदी

इस प्रकार मेसोपोटामिया का अर्थ दो नदियों के बीच का क्षेत्र हुआ

 

मेसोपोटामिया दजला ( Tigris ) और फरात ( Euphrates) नदियों के बीच की उपजाऊ भूमि थी

इतिहासकार ऐसा मानते हैं कि शहरी जीवन की शुरुआत मेसोपोटामिया में हुई थी

मेसोपोटामिया वर्तमान समय में इराक का हिस्सा है



मेसोपोटामिया की सभ्यता किस लिए प्रसिद्ध थी

संपन्नता

शहरी जीवन

विशाल और समृद्ध साहित्य

गणित और खगोल विद्या

मेसोपोटामिया की भाषाएँ

मेसोपोटामिया की सभ्यता में सबसे पहले सुमेरियन (सुमेरी ) भाषा बोली जाती थी

2400 BC के आसपास अक्कदी भाषा बोली जाने लगी

1400 BC के आसपास अरामाइक भाषा बोली जाने लगी

अरामाइक भाषा, हिब्रू से मिलती जुलती थी

मेसोपोटामिया की भौगोलिक स्थिति



  • यह क्षेत्र वर्तमान समय में इराक गणराज्य का हिस्सा है
  • इराक भौगोलिक विविधताओं से भरा देश है
  • इसके शहरीकृत दक्षिणी भाग को सुमेर और अक्कद कहा जाता था
  • बाद में इस भाग में बेबीलोन का प्रभाव बढ़ा तो इसे बेबीलोनिया कहा जाने लगा
  • इस के उत्तरी भाग को असीरियाई कब्जा होने के बाद असीरिया कहा जाने लगा
  • मेसोपोटामिया की सभ्यता में उर, उरुक और मारी जैसे शहर प्रसिद्ध थे

पूर्वोत्तर भाग

यहां हरे भरे मैदान है

यहां वृक्ष से ढकी पर्वत श्रृंखला है

यहां स्वच्छ झरने उपलब्ध है

यहां जंगली फूल हैं

यहां अच्छी फसल के लिए पर्याप्त वर्षा होती है

यहां 7000 से 6000 BC के बीच खेती शुरू हो गई

उत्तरी भाग -

उत्तर में ऊंची भूमि पर ( स्टेपी ) घास के मैदान है

यहां पशुपालन आजीविका का अच्छा साधन है

यहाँ जानवरों के लिए सर्दियों की वर्षा के बाद चारा (घास) उपलब्ध हो जाती है

पूर्वी भाग

दजला और उसकी सहायक नदियाँ ईरान की तरफ जाने के लिए परिवहन का अच्छा साधन है

दक्षिण का भाग

दक्षिणी भाग रेगिस्तान है

यही पर सबसे पहले लेखन प्रणाली और नगरों का उद्भव हुआ था

उपजाऊ भूमि उपलब्ध है

मेसोपोटामिया की सभ्यता के जानकारी के स्रोत

मूर्तियाँ -

आभूषण -

इमारतें -

कब्रें -

औजार

मुद्रा

मिटटी की पट्टिका -

मंदिर

मेसोपोटामिया की कृषि व्यवस्था

मेसोपोटामिया के दक्षिणी भाग की भूमि बहुत उपजाऊ थी

यहां फरात नदी रेगिस्तान में प्रवेश करने के बाद कई धाराओं में बंटकर बहती थी

इन धाराओं में बाढ़ जाने के कारण यह धाराएं सिंचाई की नहरों का काम करती थी

जरूरत पड़ने पर गेहूं, जो मटर और मसूर के खेतों में सिंचाई की जाती थी

मेसोपोटामिया सभ्‍यता में पशुपालन

  • मेसोपोटामिया के लोग भेड़ और बकरियां पालते थे
  • यहां स्टेपी घास के मैदानों, पूर्वोत्तरी मैदानों और पहाड़ों के ढालों में यह पशु पाले जाते थे
  • जिनसे मांस, दूध और ऊन प्राप्त होता था
  • यहां नदियों में मछलियाँ उपलब्ध थी
  • गर्मियों में खजूर के पेड़ खूब फल देते थे

 

मेसोपोटामिया सभ्यता में लेखन कला

यहां के लोग लेखन कला जानते थे लेखन के लिए यह लोग मिट्टी की पट्टिका इस्तेमाल करते थे

ध्वनि के लिए कीलाक्षर / कीलाकार चिन्ह का प्रयोग किया जाता था

अलग-अलग ध्वनि के लिए अलग-अलग चिन्ह होते थे

लेखन का इस्तेमाल हिसाब किताब रखने के लिए, शब्दकोश बनाने, भूमि के हस्तांतरण को कानूनी मान्यता प्रदान करने, राजाओं के कार्यों का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था

मेसोपोटामिया के लिपिक को सैकड़ों चिन्ह सीखने पड़ते थे और उसे गीली पट्टी पर उसके सूखने से पहले ही लिखना होता था

लेखन कार्य के लिए बड़ी कुशलता की आवश्यकता होती थी

लेखन कला का विकास

मेसोपोटामिया में जो मिट्टी की पट्टिका पाई गई हैं वो लगभग 3200 BC की है

इन पट्टिकाओं में बैलों, मछलियों, रोटीयो आदि के लगभग 5000 सूचियां मिली है

जो वहां के दक्षिणी शहर उरुक के मंदिरों में आने वाली और वहां से बाहर जाने वाली चीजों की होंगी

लेखन कार्य संभवत: तभी शुरू हुआ होगा जब समाज को अपने लेन-देन का स्थाई हिसाब रखने की आवश्यकता महसूस हुई होगी

क्योंकि शहरी जीवन में लेन-देन अलग-अलग समय पर होते थे

ऐसे में इसका हिसाब रखना काफी जरूरी हो गया था

यहां लोग लेखन के लिए गीली मिट्टी की बनी पट्टिका का इस्तेमाल करते थे जिसे बाद में धूप में सुखाया जाता था लगभग 2600 BC के आसपास वर्ण कीलाकार हो चुके थे

इस समय भाषा सुमेरियन थी अंत में यहां शब्दकोश भी बनाया गया

मेसोपोटामिया की दुनिया को सबसे बड़ी देन कालगणना और गणित की विद्वतापूर्ण परंपरा है

1800 BC के आसपास ऐसी कई पट्टिकाएं मिली है जिनमें गुणा और भाग की तालिकाए, वर्ग तथा वर्गमूल की जानकारी मिलती है

पृथ्वी के चारों और चंद्रमा की परिक्रमा के अनुसार

  • 1 वर्ष का 12 महीने में विभाजन
  • 1 महीने का 4 हफ्तों में विभाजन
  • 1 दिन का 24 घंटों में विभाजन
  • 1 घंटे का 60 मिनट में विभाजन

जो आज भी हमारे जीवन का हिस्सा है यह कालगणना हमें मेसोपोटामिया वासियों से ही मिला है

मेसोपोटामिया के शहर

  • मंदिर के चारों ओर विकसित हुए शहर
  • व्यापार के केंद्रों के रूप में विकसित हुए शहर
  • शाही शहर

शहरी जीवन की विशेषता

शहरों में बड़ी संख्या में लोग रहते थे जब किसी अर्थव्यवस्था में खाद्य उत्पादन के अलावा अन्य आर्थिक गतिविधियां विकसित होने लगती हैं तब किसी एक स्थान पर जनसंख्या बढ़ने लग जाती है

इसके फलस्वरूप कस्बे बसने लगते हैं ऐसी स्थिति में लोगों का कस्बों में इकट्ठे रहना उनके लिए फायदेमंद होता है

क्योंकि शहरी अर्थव्यवस्था में खाद्य उत्पादन के अलावा, व्यापार, उत्पादन और अन्य सेवाओं का भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है

नगर के लोग आत्मनिर्भर नहीं रहते उन्हें नगर या गांव के अन्य लोगों द्वारा उत्पन्न वस्तुओं या दी जाने वाली सेवाओं के लिए उन पर निर्भर रहना पड़ता है

उनमें आपस में बराबर लेनदेन चलता रहता है

शहरी जीवन में लोगों को सुविधाएं उपलब्ध थी

यहां श्रम विभाजन होता था

विभिन्न कार्यों से जुड़े लोग आपस में लेनदेन के माध्यम से जुड़े रहते थे

शहरी जीवन में लोग अक्सर अन्य लोगों पर निर्भर रहते थे

 

शहरों में माल की आवाजाही

मेसोपोटामिया के खाद्य संसाधन चाहे कितने भी समृद्ध हो लेकिन यहां खनिज संसाधनों का अभाव था

दक्षिण के अधिकांश भागों में औजार, मोहरे और आभूषण बनाने के लिए पत्थरों की काफी कमी थी

इराकी खजूर और पोपलार के पेड़ों की लकड़ी, गाड़ियां, पहिए या नाव बनाने के लिए कोई खास अच्छी नहीं थी

और औजार, पात्र या गहने बनाने के लिए कोई धातु वहां उपलब्ध नहीं थी

इसलिए मेसोपोटामिया ही लोग लकड़ी, तांबा, राँगा, चांदी, सोना, सीपी विभिन्न प्रकार के पत्थरों को तुर्की और ईरान अथवा खाड़ी पार देशों से मंगाते होंगे

जिसके लिए वे अपना कपड़ा और कृषि के उत्पाद काफी मात्रा में उन्हें निर्यात करते थे

 

परिवहन

  • परिवहन का सबसे सस्ता तरीका जलमार्ग था
  • अनाज के बोरे से लदी हुई नाव नदी की धारा में हवा के वेग से चलते हुए जाती थी जिसमें कोई खर्चा नहीं होता था
  • जबकि जानवरों से माल की ढुलाई कराने में उन्हें चारा खिलाना पड़ता था
  • मेसोपोटामिया की लहरें और प्राकृतिक जल धाराएं, बस्तियों के बीच माल के परिवहन के लिए एक अच्छा साधन थी

मंदिर

मेसोपोटामिया के प्रारंभिक मंदिर साधारण घरों की तरह ही थे

क्योंकि मंदिर भी किसी देवता का ही घर होता था

मंदिर की बाहरी दीवार है कुछ खास अंतराल के बाद भीतर और बाहर की ओर मुड़ी हुई होती थी

यह मंदिरों की विशेषता थी, साधारण घरों की दीवारें ऐसे नहीं होती थी

देवता पूजा का केंद्र बिंदु होता था, लोग देवी - देवता के लिए अन्न, दही, मछली लाते थे

मंदिर विभिन्न प्रकार के देवी-देवताओं के निवास स्थान थे

जैसे - उर जो चंद्र देवता था I इनाना जो प्रेम युद्ध की देवी थी

यह मंदिर ईटों से बनाए जाते थे और यह समय के साथ बड़े होते गए

शासक और शासन व्यवस्था

गिल्मेनिश ने एन्मरकर के कुछ समय बाद उरुक नगर पर शासन किया

वह एक महान योद्धा था जिसने दूर-दूर तक के क्षेत्रों को जीतकर अपने अधीन कर लिया था

असीरीयाई शासक असुर बनिपल ने बेबीलोनिया से कई मिट्टी की पट्टीकाए मंगवा कर एक पुस्तकालय में स्थापित किया था

नेबोपोलास्सर ने 625 BC में बेबिलोनिया को असीरियाई कब्जे से आजाद कराया था

काल विभाजन को सिकंदर के उत्तराधिकारी द्वारा अपनाया गया

इसके बाद यह रोम और इस्लाम की दुनिया के बाद में यूरोप पहुँच गया

पशुचारक क्षेत्र में एक व्यापारिक नगर

2000 BC के बाद मारी नगर शाही राजधानी के रूप में खूब फला फूला

मारी फरात नदी के पास स्थित है

यहां किसान और पशुचारक दोनों तरह के लोग होते थे

लेकिन इस प्रदेश का ज्यादातर भाग भेड़- बकरी चराने के लिए ही काम लिया जाता था

जब पशुचारक को अनाज या धातु के औजार की जरूरत होती थी तब वह अपने पशुओं तथा उनके पनीर चमड़ा, मांस के बदले यह चीजें प्राप्त करते थे

कई बार किसानों और पशुचारक / गड़रियों के बीच में संघर्ष देखने को मिलता था

गड़रिये खानाबदोश होते थे यह कई बार किसानों के गांव में हमला करके ने लूट लेते थे

मारी नगर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक स्थल पर स्थित था

जहां से होकर लकड़ी, तांबा, रांगा, मदिरा, तेल अन्य कई किस्मों का माल नाव के जरिए फरात नदी के रास्ते तुर्की, सीरिया और लेबनान ले जाया जाता था

मारी नगर व्यापार के बल पर समृद्ध हुआ एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र था

मारी के राजा एमोराइट समुदाय के थे

इनकी पोशाक वहां के मूल निवासियों से अलग होती थी, यह मेसोपोटामिया के देवी देवताओं के आदर के साथ साथ स्टेपी क्षेत्र के देवता डैगन का भी आदर करते थे

इन्होने डैगन देवता के लिए मारी नगर में एक मंदिर भी बनवाया

 

शहरी जीवन और सामाजिक व्यवस्था

सामाजिक व्यवस्था में वर्ग का प्रादुर्भाव हो चुका था

धन -दौलत का ज्यादातर हिस्सा समाज के एक छोटे वर्ग में केंद्रित था

उदाहरण बहुमूल्य चीजें जैसे - आभूषण, सोने के पात्र, सीपियां, गहने, लकड़ी के वाद्य यंत्र, यह सब काफी मात्रा में उर के राजाओं और रानियों की

कब्रों या समाधियों में उनके साथ दफनाई मिली है

लेकिन आम आदमी की स्थिति ऐसी नहीं रही

कानूनी दस्तावेज से पता चला है कि मेसोपोटामिया के समाज में एकल परिवार को आदर्श माना जाता था |

एक शादीशुदा बेटा और उसका परिवार अकसर अपने माता-पिता के साथ ही रहा करते थे

पिता परिवार का मुखिया होता था

विवाह करने की इच्छा के बारे में घोषणा की जाती थी और वधू के माता-पिता उसके विवाह के लिए सहमति देते थे उसके बाद वर पक्ष के लोग वधू को उपहार देते थे

विवाह की रस्में जब पूरी हो जाती थी तब दोनों पक्षों की ओर से उपहारों का आदान-प्रदान

किया जाता था वह एक साथ बैठकर भोजन करते थे फिर मंदिर जाकर भेंट चढ़ाते थे

पूर्व नगर में टेढ़ी-मेढ़ी संकरी गलियां पाई गई है, भूखंड एक जैसे आकार के नहीं थे

नगर नियोजन पद्धति का अभाव था, जल निकास प्रणाली सही नहीं थी

लोग अपने घर का सारा कूड़ा कचरा गलियों में डाल देते थे जिसके कारण गलियों की सतह ऊंची उठ जाती थी

घर बनाते समय प्राइवेसी का ध्यान रखा जाता था, उर में नगर वासियों के लिए एक कब्रिस्तान था

जिसमें शासकों तथा जनसाधारण की समाधियाँ पाई गई है कुछ लोग साधारण घरों के फर्श के नीचे भी दफनाए गए थे

जलप्लावन

बाइबल के अनुसार यह जलप्लावन पृथ्वी पर संपूर्ण जीवन को नष्ट करने वाला था

लेकिन परमेश्वर ने जलप्लावन के बाद भी जीवन को पृथ्वी पर सुरक्षित रखने के लिए नोआ नाम के एक मनुष्य को चुना

उन्होंने एक बहुत विशाल नाव बनाई और उसमें सभी जीव जंतु का एक-एक जोड़ा रख लिया

जब जलप्लावन हुआ तो बाकी सब कुछ नष्ट हो गया, लेकिन नाव में रखे सभी जुड़े सुरक्षित बच गए

ऐसी ही एक कहानी मेसोपोटामिया के परंपरागत साहित्य में भी मिलती है

इस कहानी के मुख्य पात्र को जीउशूद्र या उतनापिष्टिम कहा जाता था

 

यूरोप वासियों के लिए मेसोपोटामिया का महत्व

यूरोपवासियों के लिए मेसोपोटामिया इसलिए महत्वपूर्ण था

क्योंकि बाइबल के प्रथम भाग ओल्ड टेस्टामेंट में इसका उल्लेख कई संदर्भों में किया गया है

ओल्ड टेस्टामेंट की बुक ऑफ़ जेनेसिस में शिमार का उल्लेख है

जिसका तात्पर्य अर्थात सुमेर ईटों से बने शहरों की भूमि से है

यूरोप के यात्री और विद्वान मेसोपोटामिया को एक तरह से अपने पूर्वजों की भूमि मानते थे

और जब क्षेत्र में पुरातत्व खोज की शुरुआत हुई तो ओल्ड टेस्टामेंट के सत्य को सिद्ध करने का प्रयत्न किया गया


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