Anurag Asati Classes

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Class 12th Chapter- 3 Political Science | समकालीन दक्षिण एशिया | Contemporary South Asia | Samkalin Dakshin Asia Notes in Hindi

Class 12th Chapter- 3 Political Science | समकालीन दक्षिण एशिया  | Contemporary South Asia | Samkalin Dakshin Asia Notes in Hindi

Class 12th Chapter- 3 Political Science | समकालीन दक्षिण एशिया  | Contemporary South Asia | Samkalin Dakshin Asia Notes in Hindi

                 कक्षा 12वीं राजनीति शास्‍त्र
                            अध्याय- 3
                    समकालीन दक्षिण एशिया

दक्षिण एशिया के देश
  • भारत
  • पाकिस्तान
  • नेपाल
  • भूटान मालदीव
  • श्री लंका
  • बांग्लादेश
  • अफगानिस्तान और म्यांमार

दक्षिण एशिया के देशों में किस प्रकार की राजनीतिक

 भारत और श्रीलंका में लोकतंत्र

 नेपाल में राजतंत्र से लोकतंत्र प्रणाली है 

 पाकिस्तान और बांग्लादेश में सैनिक शासन तथा लोकतांत्रिक शासन

भूटान में राजतंत्र था परंतु अब वहां बहुदलीय लोकतंत्र की स्थापना के लिए कदम उठाए जा रहे हैं

 मालदीव 1968 तक सल्तनत था लेकिन वहां गणतंत्र की स्थापना की गई और अध्यक्षात्मक प्रणाली को अपनाया गया

दक्षिण एशिया के देशों की मुख्य समस्या

  • दक्षिण एशिया का क्षेत्र संघर्षों वाला क्षेत्र है
  • दक्षिण एशिया के देशों के बीच सीमा विवाद है
  • दक्षिण एशिया के देशों के बीच नदी जल विवाद है
  • दक्षिण एशिया के कुछ देशों में जातीय संघर्ष भी देखने को मिला है
  • दक्षिण एशिया संवेदनशील इलाका है


पाकिस्तान

पहले पाकिस्तान भारत का भाग था
लेकिन 1947 में भारत की आजादी के समय देश का बंटवारा हो गया था और देश के दो टुकड़े हो गए थे
पाकिस्तान दो बनाये गए थे पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान
भारत में तो आजादी के बाद से सफलतापूर्वक लोकतंत्र कायम है लेकिन
दोनों पाकिस्तान में सैनिक शासन और लोकतंत्र दोनों प्रकार का शासन रहा है
पाकिस्तान की राजनीतिक व्यवस्था में सेना बहुत प्रभावशाली है।
यही कारण है कि यहाँ बार-बार सैन्य शासन लोकतंत्र को कुचलता रहा है।
ऐसा ही बांग्लादेश में भी हुआ है।
सर्वप्रथम देश की बागडोर जनरल अयूब खान ने ली
फिर जनरल याहिया खान तत्पश्चात जनरल जिया-उल-हक और 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने जनता द्वारा निर्वाचित सरकार को हटाकर सैनिक शासन की स्थापना की।
कुछ समय के लिए अवश्य जुल्फिकार अली भुट्टो, बेनजीर भुट्टो तथा नवाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार कार्यरत रही।
जून 2013 में नवाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना हुई
परन्तु 2017 में उन्हें वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया तथा पद से हटाते हुए दस साल की सजा का आदेश दिया।
जुलाई 2018 में पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में इमरान खान के नेतृत्व में लोकतांत्रिक सरकार का गठन हुआ।
11 अप्रैल 2022 को शहवाज शरीफ ने 23वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभला ।

पाकिस्तान में लोकतंत्र के स्थायी न रह पाने के कारण

1) यहाँ सेना, धर्मगुरुओ और भूस्वामी अभिजनो का दबदबा है
2) भारत के साथ तनावपूर्ण संबंध रहने के कारण पाकिस्तान में सेना समर्थक समूह अधिक शक्तिशाली है
3) यंहा के राजनितिक दल भ्रष्ट है
4) पाकिस्तान में लोकतांत्रिक शासन को चलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन भी प्राप्त नहीं है क्योंकि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए सैनिक शासन को बढ़ावा दिया है

बांग्लादेश

1947 में भारत की आजादी के समय देश का बंटवारा हो गया था और देश के दो टुकड़े हो गए थे
पाकिस्तान दो बनाये गए थे पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान
यही पूर्वी पाकिस्तान 1971 के बाद बांग्लादेश बना
1947 से 1971 तक बांग्लादेश पाकिस्तान का अंग था।
1947 से 1971 तक इसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था।

अंग्रेजी राज के समय के बंगाल और असम के विभाजित हिस्सों से पूर्वी पाकिस्तान का यह क्षेत्र बना था।
इस क्षेत्र के लोग पश्चिमी पाकिस्तान के दबदबे और अपने ऊपर उर्दू भाषा को लादने के खिलाफ थे।
इस क्षेत्र के लोगों ने बंगाली संस्कृति और भाषा के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया।
यहाँ की जनता ने राजनैतिक सत्ता में समुचित हिस्सेदारी की मांग उठाई।
पश्चिमी पाकिस्तान के प्रभुत्व के खिलाफ जन संघर्ष का नेतृत्व शेख मुजीब उर रहमान ने किया।
1970 के चुनावों में शेख मुजीबुर रहमान की नेतृत्व वाली आवामी लीग को पूर्वी पाकिस्तान की सारी सीटों पर विजय मिली।
आवामी लीग को संपूर्ण पाकिस्तान के लिए प्रस्तावित संविधान सभा में बहुमत हासिल हो गया।
लेकिन सरकार पर पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं का दबदबा था और सरकार ने इस सभा को आहूत करने से इंकार कर दिया।
शेख मुजीब को गिरफ्तार कर लिया गया।
जनरल याहिया खान के सैनिक शासन में पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान की जनता के आंदोलन को कुचलने की कोशिश की।

हजारों लोग पाकिस्तानी सेना के हाथों मारे गए।
पूर्वी पाकिस्तान से बड़ी संख्या में लोग भारत पलायन कर गए।
भारत के सामने शरणार्थियों को संभालने की समस्या आन खड़ी हुई।
भारत की सरकार ने पूर्वी पाकिस्तान के लोगों की आजादी की मांग का समर्थन किया और उन्हें वित्तीय और सैन्य सहायता दी।
परिणाम स्वरूप 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया।

युद्ध की समाप्ति

पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना के आत्मसर्पण तथा एक स्वतंत्र राष्ट्र बांग्लादेश के निर्माण के साथ हुई।
बांग्लादेश ने अपना संविधान बना कर उसमें अपने को एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक तथा समाजवादी देश घोषित किया।
बांग्लादेश में बहुदलीय चुनावों पर आधारित प्रतिनिधिमूलक लोकतंत्र कायम है।


नेपाल
नेपाल में किस प्रकार लोकतंत्र बहाल हुआ था ?
                   अथवा
नेपाल में किस प्रकार राजतन्त्र से लोकतंत्र बहाल हुआ था ?


नेपाल अतीत में एक हिंदू राज्य था और आधुनिक काल में कई वर्षों तक संवैधानिक राजतंत्र रहा है
राजनीतिक दलों और आम जनता द्वारा उत्तरदाई शासन की मांग के बावजूद राजा ने सेना की सहायता से शासन पर पूरा नियंत्रण स्थापित किया
एक मजबूत लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के कारण 1990 में राजा ने लोकतांत्रिक संविधान की मांग स्वीकार कर ली
लोकतांत्रिक सरकारों के समक्ष कई समस्याएं आई
1990 के दशक में देश के कई भागों में माओवादी अपना प्रभाव जमाने में सफल रहे 

राजा की सेना से माओवादी का खुला संघर्ष हुआ
कुछ समय तक राजा की सेना, लोकतंत्र समर्थक और माओवादियों के बीच त्रिकोणीय संघर्ष जारी रहा
2002 में राजा ने संसद को भंग करके सरकार को गिरा दिया इस तरह जो थोड़ा बहुत लोकतंत्र थ
वह भी समाप्त हो गया, फिर अप्रैल 2006 में देशव्यापी लोकतंत्र समर्थन प्रदर्शन हुए
इसके परिणाम स्वरूप राजा ज्ञानेंद्र ने संसद को बहाल कर दिया
यह प्रदर्शन सात दलों के गठबंधन, माओवादी और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था
माओवादी समूह ने सशस्त्र संघर्ष की राह छोड़ दी है
2008 में नेपाल में राजतंत्र खत्म कर दिया गया
और यह लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया
2015 में नेपाल ने नया संविधान अपनाया

श्रीलंका का जातीय संघर्ष
श्रीलंका में बहुसंख्यक सिंहली समुदाय और अल्पसंख्यक तमिल समुदाय जातीय संघर्ष है
में
श्रीलंका के बहुसंख्यक समुदाय सिंहली लोग भारत से आकर बसे तमिल लोगों के खिलाफ आवाज उठाते है
सिंहली राष्ट्रवादियों का मानना है कि श्रीलंका में तमिलों के साथ कोई रियायत नहीं बरती जानी चाहिए
तमिलों के प्रति उपेक्षा भरे बर्ताव से एक उग्र तमिल राष्ट्रवाद की आवाज बुलंद हुई है
1983 के बाद से उग्र तमिल संगठन लिबरेशन टाइगर ऑफ तमिल ईलम ( लिट्टे )
श्रीलंकाई सेना के साथ सशस्त्र संघर्ष कर रहा है
इसने तमिलों के लिए एक अलग देश की मांग की है
श्रीलंका में जातीय संघर्ष के बावजूद आर्थिक और अन्य क्षेत्रों में उन्नति हुई है ? स्पष्ट कीजिए ?

श्रीलंका में बहुसंख्यक सिंहली समुदाय और अल्पसंख्यक तमिल समुदाय में जातीय संघर्ष है, लेकिन इसके बावजूद वहां पर आर्थिक और अन्य क्षेत्रों में उन्नति हुई है
1] जनसंख्या की वृद्धि पर श्रीलंका ने सफलतापूर्वक नियंत्रण किया है
2) दक्षिण एशिया में अपनी अर्थव्यवस्था का सबसे पहले उदारीकरण श्रीलंका द्वारा किया गया
3] श्रीलंका का सकल घरेलू उत्पाद दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा है
4] संघर्षों के बावजूद श्रीलंका में लोकतांत्रिक राज व्यवस्था कायम है

भारत - पाकिस्तान संघर्ष
भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद के मुख्य कारण
 
कश्मीर विवाद

कश्मीर हमेशा से भारत और पाकिस्तान के बीच में विवादित मुद्दा रहा है
पाकिस्तान कश्मीर पर अपना दावा करता है
स्वतंत्रता के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर एक युद्ध हुआ | इसमें कश्मीर का कुछ हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे चला गया
नदी जल विवाद

दोनों देशों में सिंधु नदी का जल विवाद प्रमुख है
1960 में विश्व बैंक की सहायता से सिंधु जल संधि हो गई थी
परंतु कुछ विवाद अभी भी बाकी है
 आतंकवाद -
आतंकवाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक विवाद का मुख्य कारण है
क्योंकि पाकिस्तान की तरफ से भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है
आतंकवादियों को ट्रेनिंग, धन और हथियार उपलब्ध कराए जाते हैं

भारत विरोधी गतिविधि –

 पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI बांग्लादेश और नेपाल के गुप्त ठिकानों से पूर्वोत्तर भारत में, भारत विरोधी अभियानों में संलग्न होने पर विवाद

सरक्रिक की सीमा रेखा विवाद

गुजरात राज्य में कच्छ के रन में सरक्रिक सीमारेखा को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद है

सियाचिन ग्लेशियर विवाद

भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण तथा हथियारों की होड़ को लेकर भी तनातनी रहती है
भारत-पाकिस्तान के बीच आज तक 4 युद्ध हुए हैं

पहला युद्ध – 1947 – 48    कश्मीर मुद्दा
दूसरा युद्ध – 1965         पाकिस्तानी आक्रमण
तीसरा युद्ध -1971           बांग्लादेश संकट
चौथा युद्ध – 1999            कारगिल युद्ध


1990 के दशक में दोनों देशों ने परमाणु परीक्षण किया था
भारत ने 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया
और पाकिस्तान ने कुछ दिनों के अंदर चगाई की पहाड़ियों पर परमाणु परीक्षण किया

सिंधु नदी जल समझौता
भारत पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी जल समझौता 1960 में हुआ था
यह समझौता विश्व बैंक की सहायता से हुआ था
इस समझोते पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु और पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे
भारत-पाकिस्तान के बीच ताशकंद समझौता कब हुआ था ?1966 में
भारत-पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता कब हुआ था ? 1972 में

भारत और उसके अन्य पड़ोसी देश
भारत और नेपाल

भारत और नेपाल के बीच एक संधि हुई है। इस संधि के तहत दोनों देशों के नागरिक एक-दूसरे के देश में बिना पासपोर्ट (पारपत्र) और वीजा के आ जा सकते हैं और काम कर सकते हैं।
खास संबंधों के बावजूद दोनों देश के बीच अतीत में व्यापार से संबंधित मनमुटाव पैदा हुए
है।
नेपाल की चीन के साथ दोस्ती को लेकर भारत सरकार ने अकसर अपनी अप्रसन्नता जतायी है।
नेपाल सरकार भारत-विरोधी तत्वों के खिलाफ कदम नहीं उठाती । इससे भी भारत नाराज है। भारत की सुरक्षा एजेंसियों नेपाल में चल रहे माओवादी आंदोलन को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानती है क्योंकि भारत में बिहार से लेकर आन्ध्र प्रदेश तक विभिन्न प्रांतों में नक्सलवादी समूहों का उभार हुआ है ।

नेपाल में बहुत से लोग यह सोचते हैं कि भारत को सरकार नेपाल के अंदरूनी मामलों में दखल दे रही है और उसके नदी जल तथा पनबिजली पर आँख गड़ाए हुए है।
भारत नेपाल के संबंध एकदम मजबूत और शांतिपूर्ण है । विभेदों के बावजूद दोनों देश व्यापार वैज्ञानिक सहयोग साझे प्राकृतिक संसाधन बिजली उत्पादन और जल प्रबंधन ग्रिड के मसले पर एक साथ है।
नेपाल में लोकतत्र की बहाली से दोनों देशों के बीच संबंधों के और मजबूत होने की उम्मीद बंधी है।

भारत और श्रीलंका
श्रीलंका और भारत की सरकारों के संबंधों में तनाव इस द्वीप में जारी जातीय संघर्ष को लेकर है।
जब तमिल आबादी राजनीतिक रूप से नाखुश हो और उसे मारा जा रहा हो तो ऐसे में भारतीय नेताओं और जनता का तटस्थ बने रहना असंभव लगता है ।
1987 के सैन्य हस्तक्षेप के बाद से भारतीय सरकार श्रीलंका के अंदरूनी मामलों में असंलग्नता की नीति पर अमल कर रही है ।
भारत सरकार ने श्रीलंका के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर दस्तखत किए हैं।
इससे दोनों देशों के संबंध मजबूत हुए हैं।
श्रीलंका में 'सुनामी' से हुई तबाही के बाद के पुनर्निर्माण कार्यों में भारतीय मदद से भी दोनों देश एक दूसरे के करीब आए हैं।
भारत और भूटान

भारत के भूटान के साथ भी बहुत अच्छे रिश्ते हैं और भूटानी सरकार के साथ कोई बड़ा झगड़ा नहीं है ।
भूटान से अपने काम का संचालन कर रहे पूर्वोत्तर भारत के उग्रवादियों और गुरिल्लों को भूटान ने अपने क्षेत्र से खदेड़ भगाया।
भूटान के इस कदम से भारत को बड़ी मदद मिली है।
भारत भूटान में पनबिजली की बड़ी परियोजनाओं में हाथ बँटा रहा है।
इस हिमालयी देश के विकास कार्यों के लिए सबसे ज्यादा अनुदान भारत से हासिल होता है।

भारत और मालदीव

मालदीव के साथ भारत के संबंध सौहार्दपूर्ण तथा गर्मजोशी से भरे हैं।
1988 में श्रीलंका से आए कुछ भाड़े के तमिल सैनिकों ने मालदीव पर हमला किया। मालदीव ने जब आक्रमण रोकने के लिए भारत से मदद माँगी
तो भारतीय वायुसेना और नौसेना में तुरंत कार्रवाई की।
भारत ने मालदीव के आर्थिक विकास, पर्यटन और मत्स्य उद्योग में भी मदद की है।
मालदीव

मालदीव की राजनीतिक प्रणाली की विशेषताओं का वर्णन कीजिए ?

मालदीव 1968 तक सल्तनत हुआ करता था
1968 में यह एक गणतंत्र बना और यहां शासन की अध्यक्षात्मक प्रणाली को अपनाया गया
2005 के किया जून में मालदीव की संसद में बहुदलीय प्रणाली को अपनाने के पक्ष में मतदान मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी का देश के राजनीतिक मामलों में प्रभुत्व है
2005 के चुनाव के बाद मालदीव में लोकतंत्र मजबूत हुआ है क्योंकि इस चुनाव में विपक्षी दलों को कानूनी मान्यता दे दी गई है

दक्षिण एशिया में लोकतंत्र का रिकॉर्ड मिला-जुला रहा है परंतु फिर भी जनसाधारण लोकतंत्र का समर्थक है

यह कथन सत्य है
दक्षिण एशिया के 5 देशों में एक सर्वे कराया गया
इस सर्वे में बांग्लादेश, भारत, नेपाल, पाकिस्तान, श्री - लंका शामिल हुए
इस सर्वे में लोकतंत्र को व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हुआ

शांति और सहयोग

अनेक संघर्षों के बाद भी दक्षिण एशिया के देश आपस में दोस्ताना रिश्ते तथा सहयोग के महत्व को समझते हैं।
शाति के प्रयास द्विपक्षीय भी हुए हैं और क्षेत्रीय स्तर पर भी।
दक्षेस (साउथ एशियन एसोशियन फॉर रिजनल कोऑपरेशन (SAARC) दक्षिण एशियाई देशों द्वारा आपस में सहयोग करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है।
इसकी शुरुआत 1985 में हुई।
SAARC का मुख्यालय नेपाल के काठमांडू में हैं

दक्षिण एशिया के देशों के बीच आपसी मतभेद मौजूदगी के कारण SAARC को
ज्यादा सफलता नहीं मिली है।
SAARC के सदस्य देशों ने सन् 2002 में 'दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते' (SAFTA) पर दस्तखत किये। इसमें पूरे दक्षिण एशिया के लिए मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने का वायदा है।
यह समझौता | जनवरी 2006 से प्रभावी हो गया ।
इस समझौते का लक्ष्य है कि इन देशों के बीच आपसी व्यापार में लगने वाले सीमा शुल्क को कम कर दिया जाए।
कुछ छोटे देश मानते हैं कि 'साफ्टा' की ओट लेकर भारत उनके बाजार में सेंध मारना चाहता है और व्यावसायिक मौजूदगी के जरिये उनके समाज और राजनीति पर असर डालना चाहता है।

भारत सोचता है। कि 'साफ्टा' से इस क्षेत्र के हर देश को फायदा होगा और क्षेत्र में मुक्त व्यापार बढ़ने से राजनीतिक मसलों पर सहयोग ज्यादा बेहतर होगा।
भारत में कुछ लोगों का मानना है कि 'साफ्टा' के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं क्योंकि भारत भूटान, नेपाल और श्रीलंका से पहले ही द्विपक्षीय व्यापार समझौता कर चुका है।

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