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Class 12th Chapter- 5 Geography प्राथमिक क्रियाएं | भूगोल ( Primary Activities ) Notes in Hindi

Class 12th Chapter- 5 Geography प्राथमिक क्रियाएं | भूगोल ( Primary Activities ) Notes in Hindi

Class 12th Chapter- 5 Geography प्राथमिक क्रियाएं | भूगोल ( Primary Activities ) Notes in Hindi


इस अध्याय में हम प्राथमिक क्रियाओं के बारे में पढ़ने वाले हैं

1- कृषि 2- पशुपालन 3- भोजन संग्रहण 4- खनन (खुदाई )|

आर्थिक क्रिया 

मनुष्य की वह सभी क्रियाएं जिनसे मनुष्य को धन की प्राप्ति होती है 

आर्थिक क्रिया कहलाती है 

1- प्राथमिक क्रिया 

2- द्वितीयक क्रिया

3- तृतीयक क्रिया

4- चतुर्थक क्रिया

Q. भोजन संग्रह विश्व के किन दो भागों में किया जाता है

1) उच्च अक्षांश के क्षेत्र

उत्तरी कनाडा, उत्तरी यूरोपिया एवं' द- चिली

2) निम्न अक्षांश के क्षेत्र

अमेजन बेसिन, उष्णकटिबंधीय अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया दक्षिण पूर्वी एशिया


Q. आधुनिक समय में भोजन संग्रह के कार्य या व्यापारीमरण हो गया !" स्पट करे ?

 लोग कीमती पौधो की पत्तियाँ, छाल, औषधीय पौधो को बेचते हैं।

पौध के विभिन्न भागों का उपयोग करते हैं।


चलवासी पशुचारण 

1- यह एक प्राचीन जीवन निर्वाह पशुचारण है।

2- इसमें पशुचारक अपने अपने पशुओं को लेकर चारे की खोज में एक स्थान से दुसरे स्थान पर घूमते है |

3- इसमें पशुओं की विशेष देखभाल नहीं की जाती।

4- इसमें पशुओं को प्रकृतिक रूप से उगने वाली घास पर निर्भर रहना पड़ता है।

5- इसमें एक साथ बहुत सारे पशुओं को पाला जाता है।


वाणिज्यिक पशुधन पालन :

1- यह एक व्यवस्थित पशुपालन है |

2-  यह एक पूँजी प्रधान पशुपालन है |

3- इसमें केवल किसी एक विशेष प्रकार के पशु को पाला जाता है।

4- इसमें पशुओं को एक फार्म में बाइ लगाकर पाला जाता है।

5- इसमें पशुओं की विशेष देखभाल की जाती है एवं 

उन्हें वैज्ञानिक पद्दति से पाला जाता है |

6-  इसमें प्रमुख पशु : भेड़, बकरी, गाय है

आदिकालीन निर्वाह कृषि

 1- इसमें भूमि के क्षेत्र टुकड़ों पर आदिम कृषि औजारों जैसे - लकड़ी के हल, और खुदाई करने वाली छड़ी से खेती की जाती है |

2- यह खेती परिवार की मदद से की जाती है |

3- इस फसल से येवल परिवारों की जरुरतो को पूरा किया जत हैं।

4- किसान जमीन के टुकड़े को साफ करके अपने परिवार के भरण पोषण के लिए अनाज उगाता है।

5- जब मृदा की उर्वरता कम हो जाती है तो किसान उस भूमि को छोड़ देते हैं, फिर खेती के लिए इसरी भूमि तैयार करते है।

6- इस प्रकार की कृषि से मृदा की उर्वरता बढ़ती हैं |

7- इसमें किसान उर्वरकों का प्रयोग नहीं करते इसलिए इस कृषि में उत्पादन कम होता

 

[ अन्य नाम ]उत्तरपूर्व भारत में : झूमिंग, मध्य अमेरिका में मिल्पा, मलेशिया में लादांग

चावल प्रधान कृषि

1-  इसमें चावल प्रमुख फसल होती है |

2- इसमें खेतों का आकार छोटा होता है |

3- इस प्रकार की कृषि में खेती कार्य में किसान और उसका पूरा परिवार कार्य करता है |

4- इस प्रकार की कृषि में यंत्रों की आवश्यकता कम पडती है एवं मानव श्रम की आवश्यकता अधिक होती है |

5- इस प्रकार की कृषि में उर्वरता बनाये रखने के लिए पशुओं के गोबर की खाद एवं हरी खाद का उपयोग किया जाता है |

6- इस कृषि में प्रति इकाई उत्पादन ज्यादा होता है और प्रति मजदूर उत्पादन कम होता है |


रोपण कृषि

रोपण कृषि लाग्न के लिए बड़े आकार क्षेत्र में की जाती है

अधिक पूंजी , उच्च प्रबंध, तकनीक, वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग ।

रोपण कृषि की फसलें -

चाय, कॉफी, कोको, कपास, गन्ना आदि

रोपण कृषि की विशेषताएँ -

→ वृस्तृत क्षेत्र ।

→ अधिक पूंजी की आवश्यकता ।

→सस्ते श्रमिक की आवश्यकता ।

→एक फसली कृषि ।  → वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग ।

यह कृषि यूरोपीय लोगों ने शुरू की थी |

ब्राज़ील में अभी भी कॉफ़ी के कुछ बागान हैं जिन्हें फेजेंडा कहा जाता है |

विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि

1- इसकी प्रमुख फसल गेहूं हैं |

2- इसके अलावा मक्का, जौ, राई, जई भी हैं |

3- इसमें खेतों का आकार बहुत बड़ा होता है |

4- इसमें खेत जोतने से लेकर फसल के काटने तक सभी कार्य यंत्रों द्वारा किये जाते है |

5- इसमें प्रति मजदूर उत्पादन ज्यादा होता है |

इस प्रकार की कृषि यूरेशिया के स्टेपी, उत्तरी अमेरिका के प्रेयरी, अर्जेंटीना के

पम्पाज, दक्षिण अफ्रीका के वेल्ड्स और ऑस्ट्रेलिया के डाउन्स में की जाती है 


मिश्रित कृषि

इस प्रकार की कृषि में फसल उत्पादन और पशुपालन दोनों किया जाता है।

इसमें खेतों का आकार मध्यम होता है |

प्रमुख फसलें : गेहूं, जौ, राई, जई, मक्का, चारे

प्रमुख पशु : मवेशी, भेड़, सूअर

इसमें अधिक पूँजी लगती है |

इसमें रासायनिक खाद का उपयोग किया जाता है |

इसमें कुशल कृषकों की जरुरत होती है |

उद्यान कृषि

इस प्रकार की कृषि में अधिक मुद्रा मिलने वाली फसले जैसे  - सब्जी, फल, पुठप /

इनकी मॉग नगरीय क्षेत्र में होती है।

विशेषताएँ -

खेतो का आकार छोटा होता है।

खेत अच्छे यातायात के साधनों से नगरीय क्षेत्र से जुड़े होते हैं।

गहन श्रम एवं अधिः पूँजी की आवश्यकता पती है।

अच्छे बीज, सिंचाई, उरक, कीटनाशी का उपयोग ।

यूरोप, USA, भूमध्य सागरीय प्रदेश में।

ट्रक कृषि के नाम से जाना जाता है।


डेरी कृषि

डेयरी कृषि अपने में पूर्ण आर्थिक क्रिया है

दूध, घी,  मक्खन ,पनीर पौष्टिक आहार मिलता है

डेयरी व्यवसाय दुधारू पशुओं के पालन पोषण का उन्नत एवं दक्ष प्रकार है

नगरी और औद्योगिक केंद्रों के निकट क्यों जाती है 

नगरी और औद्योगिक केंद्र दूध और डेयरी उत्पादों के स्वर प्रमुख उपभोक्ता है

यह डेयरी उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराते

नगर और उद्योग केंद्र में डेयरी उत्पादों की मांग अधिक है

भूमध्यसागरीय कृषि

अति विशिष्‍ट प्रकार की कृषि है।

खट्टे फलो की आपूर्ति के लिए मशहूर ।

अंगूर की कृषि इसकी विशेषता ।

विशेषता

भूमध्यसागर के समीपवर्ती क्षेत्रो में की जाती है।

अंगूर की खेती मुख्यत: उनसे मदिरा बनाई जाती है।

शीत ऋतु में यूरोप एवं अमेरिका में फलो व सब्जियों की मांग यही से पूरी होती है।

[ सहकारी कृषि ]

1- इसमें कृषकों का एक समूह होता है |

2- जो की अपनी कृषि से अधिक लाभ कमाने के लिए की इच्छा से एक सहकारी संस्था बनाकर कृषि करता है।

3- सहकारी संस्था कृषकों को हर प्रकार से मदद देती

[ सामूहिक कृषि ]

1- यह कृषि सोवियत संघ में प्रारम्भ हुई थी |

2- इस कृषि को सोवियत संघ में कोलखहोज़ कहा जाता था।

3- इसमें सभी कृषक मिलकर खेती करते हैं।

4- उत्पादन के साधनों पर नियंत्रण सरकार का होता

खनन (खुदाई)

जमीन से महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों को निकालने के लिया खनन कहा जाता है।

खनन के दो प्रकार  - धरातलीय एवं भूमिगत खनन ।

खनन की विधि -  

धरातलीय खनन- इसे विकत खाना भी कहा जाता है

यह खनन का सबसे सस्ता तरीका है 

सुरक्षात्मक उपकरण में कम खर्च

भूमिगत खनन

कुपकी खनन कहा जाता है

गहराई में स्थित खनिज को निकालने में प्रयोग

महंगा और जोखिम भरा

प्रभावित करने वाले कारक :-

भौतिक : खनिज निक्षेप

आर्थिक : तकनीक, श्रमिक यातायात

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