Anurag Asati Classes

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MP Board Class 12th Hindi Abhyas Prashn Patra Full Solution Set-C 2023 | कक्षा 12वी हिंदी प्री बॉर्ड पेपर सोल्यूशंस 2023 | अभ्यास पेपर कक्षा 12वीं 2023

MP Board Class 12th Hindi Abhyas Prashn Patra Full Solution Set-C 2023 | कक्षा 12वी हिंदी प्री बॉर्ड पेपर सोल्यूशंस 2023 | अभ्यास पेपर कक्षा 12वीं 2023


MP Board Class 12th Hindi Pre Board Paper Solution 2023 || एमपी बोर्ड कक्षा 12वीं हिंदी (सेट-C) प्री बोर्ड पेपर सॉल्यूशन 2023



MP Board प्री बोर्ड परीक्षा 2023 क्या है ?


अर्धवार्षिक परीक्षा खत्म होने के बाद हर साल की तरह प्री बोर्ड परीक्षा 2023 का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस वर्ष अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं लेट से आयोजित की गई थी इस वजह से प्री बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद प्री बोर्ड परीक्षा 2023 का आयोजन दोबारा से किया जा रहा है। छात्र बोर्ड परीक्षा से पहले अपनी परीक्षा के लिए तैयार हो पाएंगे और बोर्ड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे।


एमपी बोर्ड प्री बोर्ड कक्षा 12 हिंदी अभ्यास परीक्षा पेपर 2023


इस पोस्ट में आपको कक्षा 12वीं हिंदी प्री बोर्ड परीक्षा पेपर 2022 के अभ्यास परीक्षा पेपर का संपूर्ण हल देखने को मिलने वाला है इसलिए इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें। इस पोस्ट में कक्षा 12वीं हिंदी  प्री बोर्ड परीक्षा 2023 के प्रश्न पत्र का सलूशन दिया गया है।

अभ्यास प्रश्न पत्र- 2023

कक्षा-12वीं

विषय-हिंदी

सेट-(स)

समय:3 घंटा                                        पूर्णांक:80


1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए-


(i) 'आत्मपरिचय' कविता किस गीत संग्रह से ली गई है?

(अ)मधुबाला                            (ब)मधुशाला

(स) निशा निमंत्रण                      (द)मधुकलश

उत्तर - (स) निशा निमंत्रण


(ii) करुण रस का स्थाई भाव है-

(अ) रति                                  (ब) उत्साह

(स) शोक                                  (द) हास

उत्तर - (स) शोक

iii) 'भक्तिन संस्मरणात्मक' रेखाचित्र इनमें से किस संकलन में संकलित हैं-

(अ) दीपशिखा                     (ब)श्रृंखला की कड़ियां

(स) अतीत के चलचित्र           (द) स्मृति की रेखाएं

उत्तर -  (द) स्मृति की रेखाएं


(iv) 'सतिया' का अर्थ है-

(अ) स्वास्तिक चिन्ह               (ब) विराम चिन्ह

(स) पूर्व चिन्ह                       (द) उद्धरण चिन्ह

उत्तर - (अ) स्वास्तिक चिन्ह

(v) 'अतीत में दबे पांव' रचना में मोहनजोदड़ो को देखकर लेखक ओम धानवी को याद आ गया-

(अ) गांव कुलधरा                  (ब) हड़प्पा

(स) जैसलमेर                       (द) जयपुर

उत्तर - (स) जैसलमेर

(vi) जनसंचार माध्यम रेडियो है-

(अ)दृश्य श्रव्य                     (ब) दृश्य

(स) श्रव्य                           (द) पद्य 

उत्तर - (स) श्रव्य


2. निम्नलिखित रिक्त स्थान में उचित शब्द को चयन कर लिखिए-


(i) बादल राग कविता अनामिका में छ: खंडों में प्रकाशित है। (5/6/7)


(ii) नागार्जुन प्रगतिवाद के कवि हैं। (भक्तिकाल/प्रयोगवाद/प्रगतिवाद)


(iii) दोहा अर्ध सम मात्रिक छंद है।  (अर्ध सम मात्रिक/सम मात्रिक/ वार्णिक)

(iv) 'पहलवान की ढोलक' पाठ की विधा कहानी है। (निबंध/कहानी/व्यंग)


(v) जब मूल वाक्य के साथ एक या अधिक वाक्य और भी मिले होते हैं, तब वह संयुक्त वाक्य कहलाता है। (सरल/संयुक्त/मिश्र)


(vi)सौदलगेकर मास्टर मराठी पढ़ाने आते थे। (संस्कृत/हिंदी/ मराठी)


(vii) स्तंभ लेखन विचारपरक लेखन का प्रमुख रूप है। (सकारात्मक/विचारपरक/नकारात्मक)




3. सही जोड़ी बनाकर लिखिए-


खंड 'अ'                             खंड 'ब'


(i)हरिवंश राय बच्चन        (क)सांगरूपक अलंकार


(ii)उपमेय की उपमान          (ख) ओले बरसना

से श्रेष्ठता


(iii) तुषारपात                  (ग) हजारी प्रसाद द्विवेदी


(iv) शिरीष के फूल          (घ) 30 मिनट से 60 मिनट


(v)सम हाऊ इंप्रापर           (ड़) यशोधर बाबू


(vi) रेडियो नाटक              (च) हालावाद

की अवधि                     (छ)दस मिनट से बीस मिनट  

                                     (ज) व्यतिरेक अलंकार

उत्तर-       


उत्तर-

हरिवंश राय बच्चन    –             हालावाद

उपमेय की उपमान    –          व्यतिरेक अलंकार

से श्रेष्ठता

तुषारपात              –           ओले बरसना

शिरीष के फूल        –         हजारी प्रसाद द्विवेदी

सम हाऊ इंप्रापर     –             यशोधर बाबू

रेडियो नाटक          –           30 मिनट से 60 मिनट

की अवधि  


4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए-


(i) कवि उमाशंकर जोशी ने अपने खेत में कौन सा बीज बोया था?


उत्तर - कवि उमाशंकर जोशी ने अपने खेत में कविता का बीज बोया था।


(ii) 'जान श्याम घनश्याम को नाच उठे वन मोर' पंक्ति में कौन सा अलंकार है?


उत्तर - 'जान श्याम घनश्याम को नाच उठे वन मोर' पंक्ति में भ्रांतिमान अलंकार है।


(iii) आधुनिक युग की मीरा किसे कहा जाता है?


उत्तर - आधुनिक युग की मीरा महादेवी वर्मा को कहा जाता है।


(iv) 'मैला आंचल' के लेखक का नाम लिखिए।


उत्तर - 'मैला आंचल' के लेखक का नाम फणीश्वर नाथ रेणु जी हैं।


(v) 'काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती' का अर्थ लिखिए।


उत्तर - 'काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती' का अर्थ छल कपट बार-बार नहीं चलता है।


(vi) आनंद यादव का मन किस बात के लिए तड़पता था?


उत्तर - आनंद यादव का मन पाठशाला जाने के लिए तड़पता था।


(vii) प्रदेश के किन्हीं दो लोकप्रिय समाचार पत्रों के नाम लिखिए।


उत्तर - दैनिक भास्कर और दैनिक जागरण।

5. निम्नलिखित कथनों में से सत्य/असत्य कथन का चयन कर लिखिए-


(i) आसमान में उड़ते बगुलों की पंक्ति कवि की आंखें चुराए लिए जा रही हैं।   सत्य 


(ii) जिस काव्य में पूर्वापर संबंध न हो उसे महाकाव्य कहते हैं।  असत्य 


(iii) इंदर सेना सबसे पहले गंगा मैया की जय बोलती है। सत्य 


(iv) 'गागर में सागर भरना' का अर्थ कम शब्दों में अपनी बात रखना है।  सत्य 


(v) सिंधु घाटी सभ्यता में संतरे और अमरुद फल उगाए जाते हैं।  असत्य 


(vi) इंटरनेट, अंतरक्रियात्मकता और सूचनाओं का विशाल भंडार है।  सत्य 

प्रश्न 6. दो छायावादी कवियों के नाम, उनकी एक एक रचना सहित लिखिए।

        कवि

      रचनाएं

जयशंकर प्रसाद

'कामायनी', 'लहर', 'आंसू'

महादेवी वर्मा

'नीहार', 'रश्मि', 'नीरजा'

प्रश्न 7. छोटे चौकोर खेत को कागज का पन्ना कहने में क्या अर्थ निहित है?


उत्तर - छोटे चौकोर खेत को कागज का पन्ना कहने में यही अर्थ निहित है कि कवि ने कवि कर्म को खेत में बीज बोने की तरह माना है। इसके माध्यम से कवि बताना चाहता है कि कविता रचना सरल कार नहीं है। जिस प्रकार खेत में बीज बोने से लेकर फसल काटने तक काफी मेहनत करनी पड़ती है, उसी प्रकार कविता रचने के लिए अनेक प्रकार के कर्म करने पड़ते हैं।

प्रश्न 8. स्थाई भाव और संचारी भाव में अंतर लिखिए।

उत्तर - 

  संचारी भाव

    स्थाई भाव

संचारी भावों की संख्या 33 है।

स्थाई भावों की संख्या 10 है।

एक रस में कई संचारी भाव होते हैं।

एक रस का एक स्थाई भाव होता है।

ये स्थाई भाव के अंग हैं।

ये संचारी भाव के अंग नहीं है।

ये आते-जाते रहते हैं।

स्थाई भाव संचारित नहीं होते।


प्रश्न 9. किन्ही दो वर्णिक छंदों के नाम लिखते हुए किसी एक छंद का उदाहरण लिखिए।


दो वर्णिक छंद निम्न हैं -

1.कविता छंद

2.सवैया छंद

कवित्त छंद का उदाहरण -


भेजे मनभावन के उद्धव के आवन की,

सुधि ब्रज-गाँवनि में पावन जबै लगी।

कहै 'रत्नाकर' गुवालिनि की झौरि-झौरि,

दौरि-दौरि नंद-पौरि आवन तबै लगी।

उझकि-उझकि पद-कंजनि के पंजनि पै,

पेखि-पेखि पाती छाती छोहनि छवै लगी।

हमकौं लिख्यौ है कहा, हमकों लिख्यो है कहा,

हमकौं लिख्यौ है कहा,कहन सबै लगीं।।


प्रश्न 10. किन्ही दो कहानीकारों के नाम उनकी एक-एक रचना सहित लिखिए।

प्रमुख कहानीकार

प्रमुख रचनाएं

शिवप्रसाद 'सितारे हिंद'

'राजा भोज का सपना'

प्रेमचंद

'पंच परमेश्वर', ''शतरंज के खिलाड़ी', 'पूस की रात'

जयशंकर प्रसाद

'आकाशदीप', 'पुरस्कार', 'ममता'


प्रश्न 11. लेखक जैनेंद्र कुमार के अनुसार बाजारूपन से क्या तात्पर्य है?


उत्तर - बाजारूपन से तात्पर्य है कि बाजार की चकाचौंध में खो जाना। केवल बाजार पर ही निर्भर रहना। वे व्यक्ति ऐसे बाजार को सार्थकता प्रदान करते हैं जो हर वह सामान खरीद लेते हैं जिनकी उन्हें जरूरत भी नहीं होती। वे फिजूल में सामान खरीदते रहते हैं अर्थात वे अपना धन और समय नष्ट करते हैं। लेखक कहता है कि बाजार की सार्थकता तो केवल जरूरत का सामान खरीदने में ही है तभी हमें लाभ होगा।


प्रश्न 12.'दूर के ढोल सुहावने होते हैं' पंक्ति का भाव विस्तार कर लिखिए।


यह कहावत है कि 'दूर के ढोल सुहावने होते हैं।' इसका अभिधा अर्थ यह है कि यदि ढोल पास में बजे तो उसका शोर बड़ा कर्णकटु और कर्कश होता है किंतु यही ढोल की ध्वनि दूर से आए तो बड़ी कर्णप्रिय होती है। दूर से आती ढोल की थाप सुनकर मानव मन पुलकित हो जाता है और कल्पना करने लगता है कि कहीं कोई खुशी मनाई जा रही है। विवाह का ढोल है तो वह फौरन सोचता है कि जरूर उस घर में नववधू लाज से सिमटी सुनहरे सपने देख रही होगी। इस प्रकार की रमणीय कल्पना करके मन पुलकित होता है। इसी प्रकार जिंदगी के प्रति बुजुर्गों का कहना है कि सचमुच जिंदगी की कल्पना दूर के ढोल के समान सुहावनी होती है, क्योंकि जीवन का प्रारंभ प्रेम से परिपूर्ण होता है। पर जब जीवन के कठोर यथार्थ के धरातल पर युवक को चलना पड़ता है तो अनेक कठिनाइयां और समस्याएं सामने खड़ी रहती हैं, तब उसे जीवन की कटुता का अनुभव होता है। प्रेम का उसका कल्पित संसार ना जाने कहां खो जाता है और वह-जीवन संग्राम से जूझता हुआ यह सोचता है कि दूर के ढोल सुहावने होते हैं।

प्रश्न 13. अर्थ की दृष्टि से वाक्य के प्रकार लिखिए।

उत्तर - अर्थ के आधार पर वर्गीकरण - अर्थ के आधार पर वाक्य के निम्नलिखित 8 प्रकार होते हैं-

  • विधि वाचक वाक्य

  • निषेधवाचक वाक्य

  • प्रश्नवाचक वाक्य

  • आज्ञावाचक वाक्य

  • इच्छावाचक वाक्य

  • विस्मयवाचक वाक्य

  • संदेहवाचक वाक्य

    • संकेतवाचक वाक्य


    प्रश्न 14. 'जूझ' शीर्षक के औचित्य पर प्रकाश डालिए।


    उत्तर - शीर्षक का तात्पर्य - 'जूझ' का अर्थ होता है शुद्ध या लड़ाई। जब व्यक्ति किसी परिस्थिति, व्यक्ति या समस्याओं से जूझता है तो उस समस्या व परिस्थिति से उसकी एक प्रकार की लड़ाई होती है, जिसे 'जूझ' कहते हैं। मानव अपने जीवन में सदैव परिस्थितियों व समस्याओं से जूझता रहता है।

    शीर्षक का औचित्य - लेखक ने अपनी आत्मकथा का शीर्षक 'जूझ' उचित ही रखा है। लेखक बचपन से ही पग-पग पर समस्याओं से जूझता रहा। उसे बचपन में खेती-बाड़ी का कठोर काम करना पड़ा। इस कारण उसको पढ़ाई से वंचित होना पड़ा। लेखक कहता है, "खेती के काम की चक्की की अपेक्षा मास्टर की छड़ी की मार अच्छी लगती थी। लेखक को पुनः स्कूल जाने पर वहां भी परिस्थितियों से जूझना पड़ा। इस प्रकार यह शीर्षक कथा नायक की जूझने की क्षमता को उजागर करता है।

    प्रश्न 15. फ़्लेश या ब्रेकिंग न्यूज़ क्या है?


    उत्तर - फ्लेश ब्रेकिंग न्यूज़ आपको ताजा समाचार जो अभी-अभी घटना होती है, उसे ताजा समाचार बनाकर फ़्लेश ब्रेकिंग न्यूज़ कहा जाता है।

प्रश्न 16. शमशेर बहादुर सिंह का साहित्यिक परिचय निम्न बिंदुओं के आधार पर लिखिए।


उत्तर - रचनाएं- कुछ कविताएं, इतने पास अपने, बात बोलेगी,

भाव पक्ष- 

1. प्रकृति चित्रण-शमशेर बहादुर सिंह प्रकृति के चितेरे कवि थे। उनकी लेखनी के जादू से प्रकृति का सजीव वर्णन हुआ है।


2. प्रेम और सौंदर्य- शमशेर बहादुर सिंह प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं। उनकी कविताओं में जीवन के राग विराग का सजीव चित्रण हुआ है। शमशेर जी के राग विराग अत्यंत गहरे और स्थाई थे।


दारिद्रता चित्रण- शमशेर बहादुर सिंह ने अपनी रचनाओं में समकालीन समाज में फैली दारिद्रता का सजीव चित्रण किया है। गरीबी के चलते समाज की दीन -हीन दशा के प्रति इन्होंने गहन चिंता व्यक्त की है। अपनी रचनाओं में इन्होंने घर-घर जाकर मजदूरी करने वाले मजदूरों की दुर्दशा का त्रासदी पूर्ण वर्णन किया है।


कला पक्ष- 


1. भाषा- शमशेर बहादुर सिंह की कविताएं जहां एक ओर अत्यंत सरल हैं वहीं दूसरी ओर नितांत जटिल बन पड़ी हैं। उनकी रचनाओं पर उर्दू शायरी का भी प्रभाव स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है जिसके कारण उन्होंने संज्ञा और विशेषणों से अधिक सर्वनामों, क्रियाओं, मुहावरों इत्यादि पर बल दिया है। सार रूप में इनकी भाषा सरल,सुबोध, साहित्यिक खड़ी बोली है जिसमें तत्सम, तद्भव, अंग्रेजी, उर्दू फारसी आदि भाषाओं की शब्दावली का प्रयोग हुआ है। मुहावरों के प्रयोग से इनकी भाषा में रोचकता उत्पन्न हो गई है।

2.शैली- शमशेर बहादुर सिंह की मूल शैली भावपूर्ण है। इसके साथ-साथ इन्होंने वर्णनात्मक एवं चित्रात्मक सहेलियों का प्रयोग भी अपनी कविताओं में किया है।

अलंकार योजना- शमशेर बहादुर सिंह ने अपनी रचनाओं में शब्दालंकार और अर्थालंकार दोनों प्रकार के अलंकारों का सुंदर प्रयोग किया है।


प्रश्न 17. जैनेंद्र कुमार का साहित्यिक परिचय निम्न बिंदुओं के आधार पर लिखिए।


उत्तर - दो रचनाएं- 'फांसी', 'एक रात'

भाषा- जैनेंद्र जी की भाषा के दो रूप देखने को मिलते हैं। पहला रूप उपन्यासों और कहानियों में देखने को मिलता है जो सरल व सहज है। दूसरा रूप निबंधों में देखने को मिलता है, जिनमें विचार और चिंतन की प्रधानता के कारण भाषा में गंभीरता और दुररुहता आ गई है। आपकी भाषा विषय के अनुरूप बदलती रहती है। गंभीर विषयों में भाषा गंभीर, वाक्य बड़े तथा तत्सम शब्दों का प्रयोग है। वर्णनात्मक स्थलों पर भाषा व्यावहारिक, सरल तथा वाक्य छोटे रहते हैं। अन्य भाषाओं जैसे-अरबी फारसी उर्दू संस्कृत में अंग्रेजी के शब्दों का भी प्रयोग हुआ। अपने भावों को प्रकट करने तथा चमत्कार उत्पन्न करने के लिए मुहावरों व कहावतों भी प्रयोग किया है।


शैली- गंभीर चिंतन, मनोवैज्ञानिक विश्लेषण व मानवतावादी दृष्टिकोण होने के कारण जैनेंद्र जी की भाषा के कई रूप मिलते हैं-


1. मनोविश्लेषणात्मक शैली- इस शैली में कहानी व उपन्यासों के पात्रों के अंतर्मन एवं बाहर मन की झांकी देखने को मिलती है। इनकी कहानियों में मानसिक परिवेश की प्रधानता है।


2. विचार प्रधान विवेचनात्मक शैली- जैनेंद्र जी के निबंधों में प्राय: विचारात्मक शैली का ही प्रयोग हुआ है जिसमें भावों की गंभीरता तथा विचारों की बहुलता है।


3. वर्णनात्मक शैली- कथा में जीवंतता लाने के लिए आपने इस शैली का प्रयोग किया। इसी प्रकार घटना व पात्रों के चरित्र की प्रस्तुति के लिए इस शैली को अपनाया जिसमें वाक्य छोटे व शब्द चयन सरल है।


4. भावात्मक शैली- जैनेंद्र जी की कहानियों में मानव मन के रहस्यों का उद्घाटन हुआ है, क्योंकि व्यक्तिवादी कथाकार होने के कारण सामाजिक परिवेश के स्थान पर मानसिक परिवेश को प्रधानता मिली है जिससे आपकी शैली भावात्मक हो उठती है।

प्रश्न 18. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य प्रयोग कीजिए-


1. कान का कच्चा- बिना सोचे समझे दूसरों की बातों में आना।

वाक्य प्रयोग- राहुल अभिषेक को कुछ गलत करने को कहता है तो अभिषेक कर देता है वह कान का कच्चा हो गया है।


2. काला अक्षर भैंस बराबर- अशिक्षित होना।

वाक्य प्रयोग- मोहन की पत्नी तो काला अक्षर भैंस बराबर है।


3. मैदान मार लेना- विजयश्री प्राप्त करना।

वाक्य प्रयोग- क्रिकेट मैच में भारत ने मैदान मार लिया।


प्रश्न 19. निम्नलिखित अपठित गद्यांश/काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

प्रश्न-

1.उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।

उत्तर- अनुशासन का महत्व


2. किसका घनिष्ठ संबंध है?

उत्तर- जीवन और अनुशासन का घनिष्ठ संबंध है।


3. सफलता का रहस्य किसमें निहित है।

उत्तर- सफलता का रहस्य अनुशासन में निहित है।

प्रश्न 20. मैं जग-जीवन ……लिए फिरता हूं।


उत्तर- संदर्भ- प्रस्तुत काव्यांश 'आरोह भाग 2'पाठ्य पुस्तक से उद्धत 'आत्मपरिचय' नामक कविता से लिया गया है।


प्रसंग- 'हरिवंश राय बच्चन' द्वारा रचित प्रस्तुत काव्यांश के माध्यम से कवि अपना परिचय समाज के सामने प्रस्तुत करता है। उनके अनुसार, अपने आप को जानना समाज को जानने से अधिक कठिन है।


व्याख्या- कवि स्वयं के जीवन को महत्वहीन मानते हुए कहता है कि वह संसार में अपने जीवन को भार के समान लेकर जीवन व्यतीत करता है। किंतु फिर भी अपने जीवन में दूसरों के लिए प्यार लिए रहता है। उसका जीवन दूसरों से प्रेम करने के लिए ही है। उसके पास सांसो रूपी वीणा के दो तार हैं, जिन्हें किसी ने स्पर्श करके झंकार युक्त कर दिया है अर्थात् जिस प्रकार वीणा के तारों को स्पर्श करने से वह झंकृत हो उठती है, उसी प्रकार कवि की सांस भी लोगों से आत्मीयता के कारण झंकार करने लग गई है।














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