संविधान क्यों और कैसे- Class 11th Political Science | Chapter-1 | Constitution Why and How ? Sanvidhan Kyu Aur Kaise Notes In Hindi
संविधान क्यों और कैसे- Class 11th Political Science | Chapter-1 | Constitution Why and How ? Sanvidhan Kyu Aur Kaise Notes In Hindi
कक्षा 11वीं राजनीति शास्त्र
अध्याय- 1
संविधान क्यों और कैसे
[Constitution Why and How ?]
संविधान से क्या अभिप्राय है ?
संविधान एक ऐसा लिखित / अलिखित दस्तावेज होता है जिसमें किसे देश में शासन व्यवस्था कैसे चलाई जायेगी इससे सम्बंधित नियम, कायदे, कानून होते है
संविधान में शासन व्यवस्था का स्वरूप, सरकार की शक्तियां, जनता के अधिकार और कर्तव्य, संस्थाएं,सरकार के विभिन्न अंग और उसके कार्य, प्रशासन इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है
संविधान कितने प्रकार के होते हैं ?
लिखित संविधान
भारत, अमेरिका, फ्रांस, डेनमार्क, ब्राजील
अलिखित संविधान
ब्रिटेन, इजरायल,
हमें संविधान की आवश्यकता क्यों है ?
1 ) समाज में तालमेल बनाने के लिए
2 ) कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए
3 ) न्यायपूर्ण समाज की स्थापना के लिए
4 ) शासन व्यवस्था चलाने के लिए
5 ) सरकार की शक्तियों का दुरुपयोग रोकने के लिए
संविधान के निर्माण
भारतीय संविधान का निर्माण कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार हुआ
जुलाई 1945 में ब्रिटेन में नई लेबर पार्टी सरकार सत्ता में आई
फिर भारतीय संविधान सभा बनने का रास्ता खुला-
कैबिनेट मिशन योजना के अनुसार यह तय हुआ कि संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा बनाई जाएगी
संविधान सभा की संरचना
संविधान सभा की कुल सदस्य संख्या 389 निर्धारित की गई थी
जिनमें से 292 प्रतिनिधि ब्रिटिश भारत के गवर्नर के अधीन 11 प्रांतों से होंगे
4 प्रतिनिधि चीफ कमिश्नरों के चार प्रांत (दिल्ली, अजमेर, मारवाड़, ब्रिटिश बलूचिस्तान ) से थे
93 प्रतिनिधि भारतीय रियासतों से लिए जाने थे
ब्रिटिश प्रांत के प्रत्येक प्रांत को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संविधान सभा में स्थान दिया गया
प्रत्येक दस लाख की जनसंख्या पर लोगों पर एक सीट तय की गयी
प्रत्येक प्रांत की सीटो को तीन प्रमुख समुदाय सामान्य, सिख एवं मुसलमान में उनकी जनसंख्या के अनुपात में बांटा गया
जून 1947 माउंटबेटन योजना के अनुसार भारत - पाकिस्तान विभाजन तय हुआ परिणामस्वरूप पाकिस्तान के सदस्य संविधान सभा के सदस्य नहीं रहे
और भारतीय संविधान सभा के वास्तविक सदस्यों की संख्या घटकर 299 रह गयी
संविधान सभा का गठन
सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी इसी दिन इसका उद्घाटन भी हुआ
9 दिसंबर 1946 को डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अस्थाई अध्यक्ष बनाया गया
संविधान सभा की दूसरी बैठक 11 दिसंबर 1946 को हुई जिसमें डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष बना दिया गया
संविधान सभा की तीसरी बैठक 13 दिसंबर 1946 को हुई जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया
इसमें भावी संविधान की रूपरेखा प्रस्तुत की गई
उद्देश्य प्रस्ताव को 22 जनवरी 1947 को संविधान सभा ने स्वीकार किया
संविधान सभा की प्रारूप समिति का अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को चुना गया
26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान बनकर तैयार हो गया
मूल संविधान में 395 अनुच्छेद 22 भाग और 8 अनुसूचियां थी
वर्तमान में 8 अनुसूचियों की संख्या बढ़ाकर 12 कर दी गई है
भारत के संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा
इसमें कुल 166 बैठकें हुई
26 नवंबर 1949 को संविधान बनकर तैयार हो गया था
परंतु इसे पूर्णतया लागू 26 जनवरी 1950 को किया गया था
भारतीय संविधान के स्रोत
भारतीय संविधान का लगभग 75 % हिस्सा भारत सरकार अधिनियम 1935 से लिया गया है
भारतीय संविधान में अन्य देशों से भी प्रावधान लिए गए है
इसी लिए भारत के संविधान को उधार का थैला भी कहा जाता है
सिद्ध कीजिए कि भारतीय संविधान एक 'पुष्प गुच्छ'
(BOUQUET) की भांति है जिसमें सभी देशों के पुष्प समाहित हैं।
अथवा
“भारतीय संविधान उधार लिए गये सिद्धान्तों का टोकरा है ।" समझाइए ।
भारतीय संविधान में अन्य देशों से लिए गए प्रावधान
ब्रिटिश संविधान
सर्वाधिक मत के आधार पर चुनाव में जीत का फैसला
सरकार का संसदीय स्वरूप
कानून के शासन का विचार
विधायिका में अध्यक्ष का पद और उनकी भूमिका कानून निर्माण विधि
फ्रांस का संविधान
स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का सिद्धांत
आयरलैंड का संविधान
राज्य के नीति निर्देशक तत्व DPSE
अमेरिका का संविधान
मौलिक अधिकार
न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति
न्यायपालिका की स्वतंत्रता
दक्षिण अफ्रीका का संविधान
संविधान में संशोधन की प्रक्रिया
भारतीय संविधान की विशेषता बताओ ?
- दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान
- ना अधिक लचीला ना ही अधिक कठोर
- दुनिया का सफलतम संविधान
- मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य
- राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
- सार्वभौमिक मताधिकार
- धर्मनिरपेक्षता
- सामाजिक न्याय
- संसदीय शासन प्रणाली
- इकहरी नागरिकता का प्रावधान
- स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका
भारतीय संविधान का राजनीतिक दर्शन
संविधान के दर्शन से अभिप्राय संविधान की बुनियादी अवधारणाओं से है
जैसे – अधिकार, नागरिकता, लोकतंत्र, स्वतंत्रता, समानता इत्यादि
संविधान में शामिल आदर्श जैसे - समानता, स्वतंत्रता हमें संविधान के दर्शन करवाती है
संविधान की प्रस्तावना
संविधान की प्रस्तावना हमारे संविधान की आत्मा है
इसमें हम संविधान का दर्शन सारांश के रूप में कर सकते है
संविधान की विशेषता और उपलब्धियां -
- इकहरी नागरिकता
- मौलिक अधिकार
- संसदीय शासन प्रणाली
- मौलिक कर्तव्य
- सामाजिक न्याय
- विस्तृत एवं लिखित संविधान
- कठोर और लचीलेपन का मिश्रण
- संघात्मक सरकार
- अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान
- राष्ट्रीय एकता
- जरूरत पर संसोधन
- राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
- धर्म निरपेक्षता
- विविधता का सम्मान
- स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका
- सार्वभौमिक मताधिकार
संविधान की आलोचना
- दुनिया का सबसे लंबा और विस्तृत संविधान
- इसमें पश्चिमी देशों से अधिक प्रावधान किए गए हैं
- संविधान के निर्माण के समय सभी समूह के प्रतिनिधि उपस्थित नहीं थे
- राष्ट्रीय एकता की धारणा बहुत केंद्रीय कृत है
- सामाजिक, आर्थिक अधिकार, नीति निर्देशक तत्व में डाले गए हैं जबकि इनको मौलिक अधिकारों में डालना चाहिए था
- संविधान के प्रावधान मुश्किल है इसे वकील ही समझ सकते है
संविधान का कार्य
1. संविधान का सर्वप्रथम कार्य है कि वह आधारभूत नियमों का एक ऐसा समूह उपलब्ध कराएं जिससे समाज के सदस्यों में एक न्यूनतम तालमेल एवं विश्वास बना रहे
2. संविधान का दूसरा कार्य इस बात को स्पष्ट करना है कि समाज में फैसला लेने की शक्ति किसके पास होगी संविधान यह भी निर्धारित करता है कि सरकार किस प्रकार निर्मित होगी
3. संविधान का तीसरा काम यह है कि वह सरकार के द्वारा अपने नागरिकों पर लागू किए जाने वाले कानूनों की कोई सीमा निश्चित करें यह सीमाएं ऐसी होती हैं कि सरकार भी उन कानूनों का उल्लंघन नहीं कर सकती
4. उनका चौथा काम यह है कि वह सरकार को ऐसे सामर्थ्य प्रदान करें जिससे वे जनता की इच्छाओं को पूरा कर सकें तथा एक न्याय पूर्ण समाज की स्थापना हेतु उचित परिस्थितियों का निर्माण कर सकते हैं
संविधान एक जीवंत दस्तावेज
भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज कहलाता है क्योंकि यह एक गतिशील दस्तावेज है
भारत का संविधान विश्व के सफलतम संविधान में गिना जाता है
भारतीय संविधान को बने हुए 72 वर्ष हो चुके हैं इस बीच यह संविधान कई तनावों से गुजरा
लेकिन इसके बाद भी आज तक यह सफल संविधान है
इसमें आवश्यकता पड़ने पर परिवर्तन किए गए, संशोधन हुए
इस प्रकार नई चुनौतियों का भारतीय संविधान ने सफलतापूर्वक मुकाबला किया यही इसकी जीवंतता का सबूत है
हम यह कह सकते हैं कि भारतीय संविधान में जीवंतता है क्योंकि परिस्थितियों के अनुरूप यह परिवर्तनशील है इसमें आवश्यकता के अनुसार संशोधन करना संभव है
समय के अनुसार यह परिवर्तित एवं गतिशील है
अर्थात भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज है
🔥🔥 Join Our Group For All Information And Update🔥🔥 | |
♦️ Subscribe YouTube Channel :- | Click Here |
♦️ Join Telegram Channel :- | Click Here |
♦️ Follow Instagram :- | Click Here |
♦️ Facebook Page :- | Click Here |
♦️ Follow Twitter :- | Click Here |
♦️ Website For All Update :- | Click Here |