Anurag Asati Classes

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Class 11th Biology 2 marks Important Question Answer in Hindi || कक्षा 11वीं जीवविज्ञान 2 अंकीय टॉप अति महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न उत्‍तर सहित हिंदी में MP Board Annual exam 2024

  हेलो दोस्‍ताें, आपका हमारी वेवसाइट अनुराग असाटी क्‍लासेस में आपका स्‍वागत है,  इस पोस्‍ट में हम कक्षा 11वीं जीवविज्ञान 2 अंकीय 50 अति महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न उत्‍तर सहित  देखेंगे। 

यह प्रश्‍न आपकी बोर्ड परीक्षा में अच्‍छे नंबर लाने में आपकी सहायता करेंगे। अत: आप सभी इन प्रश्‍नों को ठीक प्रकार के पढें  और अभ्‍यास अवश्‍य रूप से करें। 

Class 11th Biology 2 marks Important Question Answer in Hindi || कक्षा 11वीं जीवविज्ञान 2 अंकीय टॉप अति महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न उत्‍तर सहित हिंदी में MP Board Annual exam 2024





कक्षा 11वींं जीवविज्ञान
                       2 अंकीय अति महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न उत्‍तर सहित

2 अंक वाले प्रश्न उत्‍तर सहित

1. जीवों को वर्गीकृत क्यों करते हैं?

उत्तर - जीवों का वर्गीकरण निम्न उ‌द्देश्यों की प्राप्ति के लिए करते हैं-

1. अध्ययन की सुविधा अर्थात् अध्ययन को सरल बनाना ।

2. वर्गीकरण उविकास की प्रक्रिया को समझने में सहायक है।

2. द्वि-निषेचन क्या है?

उत्तर - द्विनिषेचन (Double Fertilization) - पुष्पीय पौधों की पराग नलिका में प्रजनन केन्द्रक या प्रजनन कोशिका से दो नर युग्मकों का निर्माण होता है। निषेचन के दौरान एक नर युग्मक अण्ड या मादा युग्मक से संयोजन कर युग्मनज (Zygote) बनाता है तथा दूसरा नर युग्मक द्वितीयक केन्द्रक से संयोग करके त्रिगुणित केन्द्रक (3X) बनाता है जो भ्रूणपोष (Endosperm) का निर्माण करता है। इस प्रकार दोनों नर युग्मक निषेचन क्रिया में भाग लेते हैं, इस क्रिया को द्विनिषेचन कहते हैं।

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3. मोनेरा जगत के दो लक्षण लिखिए।

उत्तर - मोनेरा जगत के जीवों के लक्षण निम्न प्रकार हैं -

1. सभी मोनेरा कोशिकाएँ सूक्ष्मदर्शी होती हैं।

2. इनमें केन्द्रक द्रव्य के चारों ओर केन्द्रक कला नहीं होती।

4. शैवालों के दो प्रमुख लक्षण लिखिए।

उत्तर - शैवालों के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं -

1. शैवाल सामान्यतः जलीय जीव हैं जो स्वच्छ एवं समुद्री जल में पाए जाते हैं परन्तु कुछ शैवाल असामान्य एवं विशिष्ट आवासों में भी पाए जाते हैं।

2. इनमें प्रजनन कायिक, अलैंगिक एवं लैंगिक तीनों विधियों द्वारा होता है। कायिक प्रजनन विखण्डन द्वारा, अलैंगिक प्रजनन चलबीजाणु व अचलबीजाणु द्वारा तथा लैंगिक प्रजनन समयुग्मकी, असमयुग्मकी एवं विषमयुग्मकी प्रकार का होता है।

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5. पुष्प किसे कहते हैं ?

उत्तर - तने या शाखाओं के शीर्ष अथवा पत्ती के कक्ष में उत्पन्न होने वाला वह रूपान्तरित संघनित प्ररोह जो प्रजनन द्वारा फल एवं बीज उत्पादित करता है, फूल या पुष्प कहलाता है।

6. पत्ती के दो कार्य लिखिए।

उत्तर - 1. प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा पौधों के लिए भोजन का निर्माण करती हैं।

2. प्रकाश संश्लेषण एवं श्वसन के लिए विभिन्न गैसों का आदान-प्रदान करती हैं।

7. डायलोसिस क्या है?

उत्तर- कुछ पौधों की वाहिकाओं में गुब्बारे के समान अतिवृद्धियाँ दिखाई देती हैं, जिन्हें टायलोसिस कहते हैं। यह जाइलम की वाहिकाओं के चारों ओर की जीवित कोशिकाओं से वाहिकाओं की गर्ती में जीवद्रव्य के एकत्र होने से बनती हैं। पूर्ण विकसित टायलोसिस में मण्ड, रेजिन, गोंद, टेनिन आदि पदार्थ पाये जाते हैं।

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8. मेंढक की दो श्वसनीय पेशियों के नाम लिखिए।

उत्तर - मेंढक की श्वसनीय पेशियाँ निम्न हैं- (i) स्टेनॉहायड पेशियाँ तथा (ii) पेट्रोहायड पेशियाँ।

9. कोशिका को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - कोशिका संरचना जैविक क्रियाओं की एक इकाई है जो पारगम्य झिल्ली से घिरी होती है तथा जिसमें स्वतः जनन की क्षमता होती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह सूक्ष्मतम संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें हम सामूहिक रूप से जीवन कहते हैं।

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10. मनुष्य के हृदय को पेशीय जनित क्यों कहते हैं?

उत्तर - हमारे हृदय में हृदय स्पन्दन की उत्पत्ति विशिष्ट पेशी तन्तुओं से होती है अत: इस कारण हृदय को पेशीय जनित हृदय (Myogenic heart) कहते हैं।

11. गॉल्जीकाय के दो कार्य लिखिए।

उत्तर - गॉल्जीकाय के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं

1. गॉल्जीकाय का मुख्य कार्य कोशिका स्त्राव (Secretion) है। प्रोटीन अणु संश्लेषित होकर एण्डोप्लाज्मिक रेटिकुलम से गॉल्जीकाय में पहुँचकर सान्द्रित होते हैं और अंत में कोशिका के बाहर निकाल दिए जाते हैं।

2. गॉल्जीकाय कुछ स्रावी पदार्थों का संग्रहण भी करते हैं।

12. ब्लैकमैन का सीमाकारक सिद्धांत लिखिए।

उत्तर - इस सिद्धांत के अनुसार, "जब किसी प्रक्रिया की तीव्रता अनेक स्वतंत्र कारकों द्वारा निर्धारित होती है तब उस प्रक्रिया की दर सबसे कम मात्रा में उपस्थित कारक से ही नियंत्रित होती है।"

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13. वृद्धि को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - पादप व जीवों के आकार, आयतन, भार तथा जीवद्रव्य में अनुत्क्रमणीय बढ़ोत्तरी को वृद्धि कहते हैं।

14. जैव क्षमता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर - अधिकतम निःश्वसन के बाद वायु की वह अधिकतम मात्रा जो एक मनुष्य फेफड़ों से बाहर निकाल सकता है, जैव क्षमता या सजीव धारिता (Vital capacity, VC) कहलाती है। अर्थात् VC = ERV + TV + IRV.

जैव क्षमता व्यायाम अथवा अधिक परिश्रम के समय अधिकतम ऑक्सीजन उपलब्ध कराकर अतिरिक्त ऊर्जा उत्पन्न करने में सहायता करती है।

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15. पेरीकार्डियल द्रव के कोई दो कार्य लिखिए।

उत्तर - 1. पेरीकार्डियल द्रव हृदय को बाहरी आघातों एवं घर्षण से बचाता है।

2. यह हृदय को सूखने से बचाता है।

16. लाइकेन क्या है ?

उत्तर - लाइकेन, सूकायवत्, संयुक्त, स्वपोषी एवं सहजीवी पादप है जिसमें शैवाल और कवक घनिष्ठतापूर्वक जुड़कर एक ही जीव का रूप ले लेते हैं। इनका शैवाल सदस्य फाइकोबियॉण्ट तथा कवक सदस्य माइकोबियॉण्ट कहलाता है।

17. आर्की बैक्टीरिया के दो लक्षण लिखिए।

उत्तर - (1) इनमें t-RNA तथा r-RNA पाये जाते हैं।

(2) इनमें पेप्टाइडोग्लाइकेन से बनी कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती है।

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18. त्रि-संलयन क्या है?

उत्तर - पराग नलिका में मुक्त दो नर केन्द्रकों में से एक मादा केन्द्रक से संयोजन करता है तथा दूसरा नर केन्द्रक भ्रूणपोष में स्थित द्वितीयक केन्द्रक (2n) से संयोजन करता है। द्वितियक केन्द्रक में दो केन्द्रक पहले से होते हैं तथा नर केन्द्रक से संलयन के पश्चात् केन्द्रकों की संख्या तीन हो जाती है। तीन केन्द्रकों का यह संलयन त्रि-संलयन कहलाता है। त्रि-संलयन की क्रिया भ्रूणपोष में होती है।

19. संघ पोरीफेरा के दो लक्षण लिखिए।

उत्तर - पोरीफेरा संघ के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं

1. इस समूह के अधिकांश सदस्य समुद्री जल में उपस्थित चट्टानों से संलग्न पाए जाते हैं। इसकी कुछ प्रजातियाँ स्वच्छ जलीय कायों जैसे - तालाबों व झीलों में भी पाई जाती हैं।

2. इनका शरीर प्राय: अरीय सममिति (Radial symmetry) वाला होता है। कुछ प्रजातियों का शरीर असममित सममिति (Asymmetrical symmetry) युक्त भी होता है।

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20. पुष्पक्रम को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - पौधे के मुख्य अक्ष (पुष्पाक्ष या पुष्पावली वृन्त) पर लगने वाले पुष्पों के क्रम को पुष्पक्रम कहते हैं।

21. जड़ के दो कार्य लिखिए।

उत्तर - जड़ों के सामान्य कार्य निम्न हैं -

1. अवशोषण (Absorption)- जड़ें भूमि से जल तथा खनिज लवणों का अवशोषण कर पौधे को प्रदान करती हैं।

2. स्थिरीकरण (Fixation)- जड़ें पौधे को जमीन में स्थिर बनाए रखती

22. सत्य फल को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - सत्य फल (True Fruit) - जब फल का निर्माण अण्डाशय से होता है, तब ऐसे फल को सत्य फल कहते हैं, जैसे- मटर, सेम आदि।

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23. तने के दो कार्य लिखिए।

उत्तर - 1. पौधों को सहारा प्रदान करता है।

2. जड़ों द्वारा अवशोषित जल तथा खनिजों को पत्तियों तक पहुँचाता है।

24. अंतःप्रद्रव्यी जालिका के दो कार्य लिखिए।

उत्तर - अंत:प्रद्रव्यी जालिका के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं

1. यह कोशा में मैट्रिक्स को आंतरिक शक्ति प्रदान करती है।

2. यह कोशा में केन्द्रक तथा कोशाद्रव्य एवं बाहरी वातावरण के बीच विभिन्न पदार्थों के स्थानांतरण में सहायता करती है।

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25. प्रोटीन की तृतीयक संरचना से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर - यह प्रोटीन की त्रिविम संरचना है जिसमें पॉलीपेप्टाइड श्रृंखला अत्यधिक वलयित (Fold) होकर एक सघन, गोलाकार या किसी अन्य आकृति की संरचना बनाती है। सामान्यतः एन्जाइम भी तृतीयक संरचना प्रदर्शित करते हैं।

26. किन्हीं तीन प्रकाश-संश्लेषी वर्णकों के नाम लिखिए।

उत्तर - क्लोरोफिल, जैन्थोफिल तथा कैरेटिनॉइड।

27. श्वसन गुणांक क्या है?

उत्तर - श्वसन गुणांक "श्वसन में विमुक्त कार्बन डाइऑक्साइड (CO) तथा अवशोषित ऑक्सीजन (O2) की मात्रा के आयतन के अनुपात को श्वसन गुणांक या श्वसनीय अनुपात कहते हैं।"

श्वसन गुणांक (RQ) = विमुक्त CO का आयतन/अवशोषित O का आयतन

28. वर्गीकरण के दो महत्व लिखिए।

उत्तर - वर्गीकरण के महत्व (i) जीवों की विभिन्नता का ज्ञान,

(ii) जीवों की उत्पत्ति एवं परस्पर सम्बन्धों का ज्ञान ।

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29. कवक मूल किसे कहते हैं?

उत्तर - अनेक कवक प्रजातियाँ उच्च वर्गिय पौधों की जड़ों के साथ एक सहजीवी संबंध स्थापित कर इन्हें लाभान्वित करती हैं। यह सहजीवी संबंध कवकमूल कहलाता है।

30. विषम बीजाणुकता को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - पौधों में दो विभिन्न आकार, संरचना एवं कार्य वाले स्पोर बनने की क्रिया विषमबीजाणुता कहलाती है। इसके प्रमुख उदाहरण हैं - सिलैजिनेला एवं मार्सीलिया।

31. द्वि-पार्श्व सममिति से क्या तात्पर्य है?

उत्तर - ऐसी सममिति जिसमें केवल एक सममितार्थी तल (Sagittal plane) ही जन्तु को दो समान भागों में बाँट सके, द्विपार्श्व सममिति कहलाती है।

उदाहरण तितली, खरगोश, मानव आदि।

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32. कूट फल को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - कूट फल (False Fruit)- जब फल का निर्माण अण्डाशय को छोड़कर पुष्प के अन्य किसी भाग से होता है, तब ऐसे फल को कूट फल कहते हैं, जैसे- सेब, नाशपाती आदि।

33. पर्ण विन्यास किसे कहते हैं?

उत्तर - पर्ण विन्यास पौधे के मुख्य तने एवं उसकी शाखाओं पर पत्तियों के लगने के क्रम को पर्ण विन्यास कहते हैं।

34. पुष्पदल विन्यास क्या है?

उत्तर - पुष्पदल विन्यास (Aestivation) - पुष्पासन पर उसी चक्र की अन्य इकाइयों के सापेक्ष बाह्य दल अथवा दल के लगे रहने के क्रम को पुष्पदल विन्यास कहते हैं।

35. मेंढक की मूत्रवाहिनी के कार्य बताइए।

उत्तर - मेंढक की मूत्रवाहिनी के कार्य- नर मेंढक में मूत्रवाहिनी मूत्रजनन नलिका का कार्य करती है अर्थात् ये मूत्र एवं शुक्राणुओं दोनों का वहन करती है। जबकि मादा मेंढक में मूत्रवाहिनी केवल मूत्र वहन का कार्य करती है।

36. कोशिका भित्ती के दो कार्य लिखिए।

उत्तर - कोशिका भित्ति के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं

1. यह कोशिकाओं की रक्षा करती है और उनका निश्चित आकार बनाए रखती है।

2. यह कोशिकाओं को यांत्रिक सहारा देती है।

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37. एन्जाइम के दो मुख्य गुण लिखिए।

उत्तर- एन्जाइम के दो सबसे विशिष्ट लक्षण निम्न हैं -

1. इनमें उच्च उत्प्रेरिकी की दक्षता पायी जाती है।

2. इनमें उच्च स्तरीय अति विशिष्टता पायी जाती है।

38. विभेदन (Differentiation) को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - सरल, अविभेदित, विभज्योतक ऊतकों से बनने वाली कोशिकाओं में किसी विशिष्ट कार्य के लिए होने वाले बदलाव को विभेदन कहते हैं।

39. वृद्धि नियंत्रक से क्या आशय है?

उत्तर - हॉर्मोन कुछ विशेष प्रकार के कार्बनिक पदार्थ हैं जो वृद्धि सम्बन्धी घटनाओं से सम्बन्धित होते हैं। इसलिए इन्हें वृद्धि नियामक (वृद्धि नियन्त्रक), फाइटोहॉर्मोन्स (Phytohor- mones), वृद्धि हॉर्मोन्स (Growth hormones), वृद्धि कारक (Growth factors), वृद्धि पदार्थ (Growth substances) आदि नामों से पुकारा जाता है।

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40. फुफ्फुसावरण के दो कार्य लिखिए।

उत्तर - (1) इस गुहा में सीरमी द्रव भरा होता है जो दोनों पाँ को नम तथा चिकना बनाये रखता है।

(2) फुफ्फुसावरण फेफड़ों की सतह पर घर्षण को कम करने का कार्य करता है।

41. लसिका के दो कार्य लिखिए।

उत्तर - लसिका के कार्य (1) शरीर के उन स्थानों पर जहाँ रक्त की सूक्ष्म वाहिनियाँ नहीं होती हैं वहाँ पर लसिका वाहिकायें ही पोषण पहुँचाती हैं।

(2) लसिका तन्त्र रक्त द्वारा छाने गए द्रव्य पदार्थ को वापस लाकर रक्त में मिला देता है।

42. सहजीविता को उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर - सहजीविता (Symbiosis) - "जब दो पौधे एक साथ रहते हुए इस प्रकार वृद्धि करते हों कि दोनों को ही एक-दूसरे से लाभ हो, तब वे सहजीवी पौधे कहलाते हैं और यह सम्बन्ध सहजीविता (Symbiosis) कहलाता है।"

उदाहरण - माइकोराइजा (उच्चवर्गीय पौधों की जड़ें तथा कवक), लाइकेन (कवक और शैवाल)।

43. ब्रायोफाइटा को पादप जगत का उभयचर (जल- स्थलचर) क्यों कहा जाता है?

उत्तर - ब्रायोफाइट्स सबसे सरलतम, असंवहनी पादप हैं। इन्हें पादप जगत का उभयचर (Amphibians of plant - kingdom) कहा जाता है, क्योंकि इनकी वृद्धि एवं विकास, प्रजननांगों के विकास तथा निषेचन के लिए अत्यधिक नमी (Moisture) की आवश्यकता होती है।

44. ब्रायोफाइटा के दो आर्थिक महत्त्व लिखिए।

उत्तर - ब्रायोफाइटा (Bryophyta) के आर्थिक महत्त्व -

(1) मॉस (Moss) के सूखे पौधों को काँच की वस्तुओं, खिलौने तथा फलों आदि की सुरक्षा के लिए पैकिंग के लिए प्रयोग किया जाता है।

(2) मकानों तथा बागों में सुन्दरता के लिए भॉस (Moss) च लॉन्स (Lawns) लगाये जाते हैं।

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45. अण्डजनक को परिभाषित कीजिए। एक उदाहरण लिखिए।

उत्तर - अण्डजनक (Oviparous) वे जन्तु हैं, जो अण्डे देते हैं।

उदाहरण - प्लेटीपस, ऑर्निधोरिकस, इकिडना आदि।

46. बीजाण्डन्यास को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - बीजाण्डन्यास (Placentation) - अण्डाशय के भीतर बीजाण्ड (Ovules) के लगने के क्रम को बीजाण्डन्यास कहते हैं।

47. मैलपिगी नलिका के कार्य बताइये।

उत्तर - मैलपिगी नलिका के कार्य - 1. मैलपिगी नलिकाएँ कीटों जैसे तिलचट्टे में उत्सर्जन का कार्य करती हैं।

2. ये नाइट्रोजनी अपशिष्ट पदार्थों का अवशोषण करके उन्हें जैव रासायनिक क्रिया द्वारा यूरिक अम्ल में परिवर्तित कर देती हैं। यूरिक अम्ल पश्चान्त्र द्वारा निष्कासित कर दिया जाता है।

47. पुंज फल की परिभाषा दीजिए।

उत्तर - वह फल जो एक ही पुष्प से बनता है लेकिन इसका विकास मल्टीकार्पलरी एपोकार्पस (स्वतंत्र) अण्डाशय से होता है, पुंज फल कहलाता है। ऐसे फल लघु फलों के समूह होते हैं, जिन्हें इटेरियो कहते हैं, जैसे- रसभरी, शरीफा आदि।

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48. असमपर्णिता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर - वह स्थिति जिसमें पौधे की अभिमुखी पत्तियों में से एक पत्ती बड़ी तथां दूसरी छोटे आकार की होती है, असमपर्णिता कहलाती है।

49. प्रोकैरियोटिक कोशिका से आप क्या समझते हैं?

उत्तर - ऐसी कोशिकाएँ जिनमें केन्द्रक के चारों ओर केन्द्रक झिल्ली तथा पूर्ण विकसित कोशिकांग जैसे- माइटोकॉण्ड्रिया, लवक, गॉल्जीकाय आदि का अभाव होता है, प्रोकैरियोटिक कोशिकाएँ कहलाती हैं। इन कोशिकाओं में केन्द्रक झिल्ली के अनुपस्थित होने के कारण केन्द्रक में पाये जाने वाले पदार्थ, जैसे- न्यूक्लिक अम्ल आदि सीधे कोशिकाद्रव्य के सम्पर्क में रहते हैं।

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50. सूत्री विभाजन को सम विभाजन क्यों कहते हैं?

उत्तर - क्योंकि सूत्री विभाजन में जनक व संतति कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या बराबर होती है, इसलिये इसे सम विभाजन कहते हैं।

51. ग्लाइकोलिसिस किसे कहते हैं ?

उत्तर - ऑक्सी तथा अनॉक्सी दोनों ही प्रकार के श्वसन में प्रारम्भिक चरण एक जैसे होते हैं जिसमें ग्लुकोज के टूटने से पायरुविक अम्ल बनता है। इस क्रिया को ही ग्लाइकोलिसिस कहते हैं। यह क्रिया कोशिकाद्रव्य में सम्पन्न होती है।

52. पुनर्विभेदन (Redifferentiation) को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - जब निर्विभेदित कोशिकाओं या ऊतकों द्वारा बनी कोशिकाएँ पुनः विभाजन की क्षमता खो देती हैं जिससे अमुक कोशिका या ऊतक विशिष्ट कार्य के अनुरूप विकसित हो जाता है तो इसे पुनर्विभेदन कहते हैं।

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53. समस्थापन से क्या तात्पर्य है?

उत्तर - समस्थापन या होमियोस्टेसिस - मूत्र निर्माण या उत्सर्जी पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के अलावा वृक्क जल संतुलन, लवण संतुलन तथा अम्ल-क्षार संतुलन की प्रक्रिया द्वारा शरीर को स्थायी अवस्था (Steady state) में बनाए रखता है। इस घटना को होमियोस्टेसिस या समस्थापन कहते हैं।

54. सेरीब्रोस्पाइनल द्रव के दो कार्य लिखिए।

उत्तर - 1. यह मेरुरज्जु और मस्तिष्क को बाहरी तीव्र झटकों और आघात से बचाता है।

2. तंत्रिका तंत्र को निश्चित आकार देता है।

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55. श्वसन को परिभाषित कीजिए।

उत्तर - "श्वसन एक जैव रासायनिक क्रिया है, जिसमें प्राणी ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं तथा कार्बन डाइऑक्साइड शरीर से बाहर निकालते हैं एवं ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।"

 

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