Anurag Asati Classes

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Class 11th Hindi gadyakhand Important Question Answer in Hindi || कक्षा 11वीं हिन्‍दी गद्यखंड अति महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न उत्‍तर सहित हिंदी में MP Board Annual exam 2024

   हेलो दोस्‍ताें, आपका हमारी वेवसाइट अनुराग असाटी क्‍लासेस में आपका स्‍वागत है,  इस पोस्‍ट में हम कक्षा 11वीं हिन्‍दी गद्यखंड अति महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न उत्‍तर सहित  देखेंगे। 

यह प्रश्‍न आपकी बोर्ड परीक्षा में अच्‍छे नंबर लाने में आपकी सहायता करेंगे। अत: आप सभी इन प्रश्‍नों को ठीक प्रकार के पढें  और अभ्‍यास अवश्‍य रूप से करें। 

Class 11th Hindi gadyakhand Important Question Answer in Hindi || कक्षा 11वीं हिन्‍दी गद्यखंड अति महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न उत्‍तर सहित हिंदी में MP Board Annual exam 2024

                          कक्षा 11वींं हिन्‍दी 
            गद्यखंड अति महत्‍वपूर्ण प्रश्‍न उत्‍तर सहित

गद्यखंड प्रश्न उत्‍तर सहित

1. पंडित अलोपीदीन की गाड़ियां कहां, क्यो और किसने रोकी थी?

उत्तर- पंडित अलोपीदीन की गाड़ियां नमक के दरोगा वंशीधर ने रोकी थी क्योंकि उन्हें शक था कि कोई रात में नमक की कालाबाजारी कर रहा है।

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2. नमक का दरोगा कहानी का कौन-सा पात्र आपको सर्वाधिक प्रभावित करता है और क्यों?

उत्तर- हमें इस कहानी का पात्र वंशीधर सबसे अधिक प्रभावित करता है। वह ईमानदार, शिक्षित कर्तव्यपरायण व धर्मनिष्ठ व्यक्ति है। उसके पिता ने उसे बेईमानी का पाठ पढ़ाया, घर की दयनीय दशा का हवाला दिया है। परन्तु इन सबके विपरीत उसने ईमानदारी का व्यवहार किया। वह स्वाभिमानी था। अदालत में उसके खिलाफ गलत फैसला लिया गया, परन्त उसने स्वाभिमान नहीं खोया। उसकी नौकरी छीन ली गई। कहानी के अन्त में उसे अपनी ईमानदारी का फल अवश्य मिला। पंडित अलोपीदीन ने उसे अपनी सारी जायदाद का स्थायी मैनेजर नियुक्त कर दिया।

 

3. मिया नसीरुद्दीन के व्यक्तित्व की दो विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर- मिया नसीरुद्दीन के व्यक्तित्व की दो विशेषताएं वे बड़े ही बातूनी और अपने मुंह मिया मिट्टू बनने वाले बुजुर्ग थे। उनका व्यक्तित्व बड़ा ही साधारण सा था, पर वे बड़े मसीहाई अंदाज में रोटी पकाते थे स्वभाव उनके स्वभाव में रूखाई अधिक और स्नेह कम था। वे सीख और तालीम के विषय में बड़े स्पष्ट थे।

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4. नानबाई किसे कहते है?

उत्तर- नानबाई वह कार्य होता है जिसमें कई तरह की रोटियाँ बनाने और बेचने का काम किया जाता है। मियाँ ने नानबाई का काम किया, क्योंकि यह उनका खानदानी पेशा था।

 

5. पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक क्यों चला?

उत्तर- 'पथेर पांचाली' फिल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक चलने के निम्नलिखित कारण थे-

(1) लेखक के पास पैसे का अभाव था।

(2) वह विज्ञापन कम्पनी में काम करता था। इसलिए काम में फुर्सत होने पर ही लेखक तथा अन्य कलाकार फिल्म का काम कर पाते थे।

(3) तकनीक के पिछड़ेपन के कारण पात्र, स्थान, दृश्य आदि समस्याएँ आ जाती थीं।

6. "बिरादरी का यही सहारा होता है" यह कथन किसने किससे कहा?

उत्तर- यह कथन मोहन के पिता वंशीधर ने युवक रमेश से कहा।

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7. दबा हुआ आदमी एक कवि भी है, यह बात कैसे पता चली।

उत्तर- सेक्रेटेरियट के लॉन में खड़ा जामुन का पेड़ रात की आँधी में गिर गया। इसके नीचे एक आदमी दब गया। उसे, बचाने के लिए एक सरकारी फाइल बनी। वह एक विभाग से दूसरे विभाग में घूमने लगी। माली ने उस आदमी को हिम्मत दिलाते हुए उसे खिचड़ी खिलाई और कहा कि उसका मामला ऊपर तक पहुँच गया है। तब उस व्यक्ति ने आह भरते हुए गालिब का शेर पढ़ा।

 

8. नेहरू जी भारत के सभी किसानों से कौन सा प्रश्न बार-बार करते थे?

उत्तर- नेहरू जी भारत के सभी किसानों से निम्नलिखित प्रश्न बार-बार करते थे- (1) वे 'भारत माता की जय' से क्या समझते हैं? (2) यह भारत माता कौन है? (3) वह धरती कौन-सी है जिसे वे भारत माता कहते हैं-गाँव की, जिले की, सूबे की या पूरे हिंदुस्तान की?

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9. "नौकरी में ओहदे की ओर ध्यान मत देना, यह तो पीर की मज़ार है।" यह कथन किसने कहा?

उत्तर- उपर्युक्त कथन मुंशी वंशीधर के पिता ने मुंशी वंशीधर से कहा।

 

10. भूलों की जगह दूसरा कुत्ता क्यों लाया गया? उसने फिल्म के किस दृश्य को पूरा किया?

उत्तर- भूलो की मृत्यु हो गई थी, अतएव उससे मिलता-डुलता कुत्ता लाया गया। फिल्म का दृश्य इस प्रकार था कि अपू की माँ उसे भात खिला रही थी। अपू तीर-कमान से खेलने के लिए उतावला है। भात खाते-खाते वह तीर छोड़ता है तथा उसे लाने के लिए भाग जाता है। माँ भी उसके पीछे दौड़ती है। भूलो कुत्ता वहीं खड़ा सब कुछ देख रहा है। उसका ध्यान भात की थाली की ओर है। यहाँ तक का दृश्य पहले भूलो कुत्ते पर फिल्माया गया था। इसके बाद के दृश्य में अपू की माँ बचा हुआ भात गमले में डाल देती है और भूलो वह भात खा जाता है। यह दृश्य दूसरे कुत्ते से पूरा किया गया।

 

11. मियाँ नसीरुद्दीन को नानबाइयों का मसीहा क्यों कहा गया है?

उत्तर- मियाँ नसीरुद्दीन शब्द-चित्र 'मियाँ नसीरुद्दीन' के नायक हैं। लेखिका कृष्णा सोबती उन्हें नानबाइयों का मसीहा कहती हैं। वे छप्पन प्रकार की रोटी बनाने में माहिर हैं। वे खानदानी नानबाई हैं तथा अपनी खानदानी विशेषताओं को वर्तमान तक बनाए रखते हैं। रोटी बनाने को एक कला मानकर स्वयं को उस्ताद मानते हैं।

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12. धनराम मोहन को प्रतिद्वंद्वी क्यों नहीं समझता था?

उत्तर - धनराम के द्वारा मोहन को प्रतिद्वंद्वी न समझने के कई कारण थे-सर्वप्रथम मोहन उच्च जाति-ब्राह्मण था और धनराम निम्न जाति का लुहार था। बचपन से ही धनराम के मन में जातिगत हीनता का भाव भर दिया गया था जिस कारण धनराम मोहन को अपना प्रतिद्वन्द्वी नहीं समझता था। दूसरा कारण था मोहन कक्षा में सबसे अधिक होशियार था तथा मास्टर त्रिलोक सिंह का चहेता था। एक और कारण था कि मास्टर त्रिलोक सिंह कहते थे कि मोहन एक दिन बहुत बड़ा आदमी बनकर स्कूल और उनका नाम बहुत ऊँचा करेगा।

13. मास्टर त्रिलोक सिंह के किस कथन को लेखक ने जबान के चाबुक कहा है और क्यों ?

उत्तर- "तेरे दिमाग में तो लोहा भरा है रे! विद्या का ताप कहाँ लगेगा इसमें ?" इस कथन को लेखक ने जबान का चाबुक कहा है। मास्टर त्रिलोक सिंह उसे मार-मार कर पहाड़ा याद कराना चाहते थे परन्तु धनराम याद नहीं कर पाया तब उन्होंने सोचा कि शायद वह इसे व्यंग्य बाण से पढ़ने लगे। क्योंकि शारीरिक चोट की तुलना में वाणी की चोट अधिक गहरी होती है।

14. रजनी पटकथा पढ़कर आपको क्या संदेश मिलता है? लिखिए।

उत्तर-रजनी पटकथा हमें अन्याय के विरुद्ध बिगुल बजाने के लिए प्रेरित करती है। समाज में उत्पन्न विसंगतियों एवं विद्रूपताओं का विधिपूर्वक निडरता एवं निर्भीकता के साथ सामना करना एवं उनका हल निकलने तक प्रयत्नशील रहना, इस पटकथा से सीखा जा सकता है।

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15.कृषि-विभाग वालों ने मामले को हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे क्या तर्क दिया?

उत्तर-कृषि-विभाग वालों ने तर्क दिया कि कृषि विभाग अनाज और खेतीबाड़ी के मामलों में फैसला करने का हकदार है। जामुन का पेड़ चूँकि एक फलदार पेड़ है, इसलिए यह पेड़ हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के अन्तर्गत आता है अत: इस मामले को हम हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के हवाले कर रहे हैं।

16. किसान सामान्यतः भारत माता का क्या अर्थ लेते थे?

उत्तर-किसान सामान्यतः भारत माता का अर्थ हिन्दुस्तान की धरती से लेते थे।

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